कमजोर हुआ 'यास', लैंडफॉल प्रक्रिया पूरी, कल तक बारिश होने का अनुमान

चक्रवात यास की लैंड फॉल की प्रक्रिया पूरी हो गई है। उड़ीसा के भद्रक और बंगाल के दीघा में इसका असर सबसे ज्यादा दिखा।

Updated: May 26, 2021, 11:21 AM IST

Photo courtesy: ABP
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दिल्ली। चक्रवात यास ओडिशा तट से टकरा चुका है। मौसम विभाग के अनुसार लैंडफॉल प्रक्रिया दोपहर 2 बजे तक पूरी हो गई है। बताया जा रहा है अब तूफान पहले से कमजोर हुआ है। शाम तक हवा की गति धीमी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। आधी रात तक तूफान उड़ीसा और झारखंड की ओर रवाना होने की संभावना है। यहां तूफान धामरा बंदरगाह और बालासोर के बीच गुजरा और कई इलाकों को प्रभावित किया। चक्रवात यास को लेकर ओडिशा, बंगाल, झारखंड हाई अलर्ट पर हैं। ओडिशा के भद्रक और बंगाल के दीघा में तूफान का सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। यहां सड़कों और घरों पर पानी भर गया है। राष्ट्रीय और राज्य की राहत बचाव टीमें रास्तों को साफ करने और जरूरी जगहों पर राहत पहुंचाने का काम कर रही हैं।


चक्रवात की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता एयरपोर्ट से सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। कोलकाता एयरपोर्ट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट से 26 मई की सुबह 8.30 बजे से शाम 7.45 बजे तक सभी उड़ानें निलंबित रहेंगी।


वही, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान जारी कर कहा कि 15 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाल कर उन्हें एक सेफ जगह पर पहुंचा दिया गया है। चक्रवात 'यास' के कारण मौसम काफी खराब है और ज्वार-भाटा के कारण बंगाल में कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।


चक्रवात ‘यास’ के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में पानी भर गया। नारियल के पेड़ों के शिखरों को छूतीं समुद्र की लहरें और बाढ़ के पानी में बहती कारें दिखाई दीं। अधिकारियों ने बताया कि बढ़ते जलस्तर के कारण दोनों तटीय जिलों में कई स्थानों पर तटबंध टूट गए, जिसके कारण कई गांव और छोटे कस्बे जलमग्न हो गए। विद्याधारी, हुगली और रूपनारायण समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।


IMD महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया, चक्रवाती तूफान 'यास' कल सुबह झारखंड पहुंचेगा तब इसके हवा की गति 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। इसकी सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली हवा बालेश्वर, भद्रक और पश्चिम बंगाल के मिदिनीपुर में चल रही है। ओडिशा के अंदर के ज़िलों में भी हवा की गति 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। उन्होंने बताया कि लैंड फॉल की प्रक्रिया खत्म हो गई है। धीरे धीरे  यास तूफान कमजोर होता जाएगा।