Digvijaya Singh : सरकार गरीबों की सवारी को भी अमीरों को सौंपना चाहती है

Railway Privatisation : सरकार रेल का निजीकरण करते हुए 109 रूटों पर 35 साल के लिए किराया तय करने का अधिकार भी देना चाहती है

Publish: Jul 03, 2020, 05:45 AM IST

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भारत सरकार द्वारा किए जा रहे रेल के निजीकरण का विरोध किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने रेल का निजीकरण करने पर अपनी आपत्ति जताई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी सरकार के इस फैसले को गरीब विरोधी और अमीर हितैषी बताते हुए आड़े हाथों लिया है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी रेल का निजीकरण कर उद्योगपतियों को मुनाफा पहुंचना चाहती है।

दरअसल भारतीय रेलवे ने 109 अलग अलग रूटों पर 151 नए ट्रेनों के परिचालन के लिए कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भारतीय रेलवे और केंद्र सरकार के रेल के निजीकरण करने के फैसले पर विरोध जताया है। दिग्विजय सिंह ने सरकार से पूछा है कि इस देश में आखिर किसकी चलेगी? अमीरों की या गरीबों की ?

कांग्रेस ने चलाई गरीब रथ लेकिन भाजपा अमीर रथ चलाना चाहती है

रेलवे के निजीकरण को लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कांग्रेस ने जनता के लिए गरीब रथ चलाई लेकिन सरकार अब अमीर रथ चलाना चाहती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर जारी किए अपने एक वीडियो संदेश में कहा है कि कांग्रेस की सरकार के दौरान तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने गरीब रथ चलाई थी, बावजूद इसके रेल को काफी मुनाफा हुआ था। लेकिन बीजेपी सरकार रेल को भी निजी कंपनियों के हवाले कर सिर्फ अमीरों और उद्योगपतियों को मुनाफा पहुंचना चाहती है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि पैसे जनता भरेगी, रेलवे में काम सरकारी कर्मचारी करेंगे, बिछाई गई रेलवे लाइन सरकारी होगी लेकिन मुनाफा उद्योगपति कमाएंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए यात्रियों पर महंगे रेल किराए की मार पड़ने की संभावना जताई है। उन्होंने कहा है कि सरकार के इस फैसले के बाद विशेषकर शादी - विवाह व त्योहार के दिनों में जब भीड़ ज़्यादा होती है, उस समय रेल किराए में काफी वृद्धि होगी जिससे रेल यात्रियों से निजी कम्पनियां खूब किराए की वसूली कर मुनाफा कमाएंगी।

पहले ही इस फैसले की आहट लग चुकी थी, भाजपा अमीरों की पार्टी 

दिग्विजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार रेल का निजीकरण करने वाली है, इसकी आहट पहले ही लग चुकी थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने रेल बजट को आम बजट के साथ पेश करने का फैसला लिया था, उसी समय रेल के निजीकरण होने का अंदाज़ा लग गया था। 

दरअसल पहले रेल बजट आम बजट से अलग पेश किया जाता था। 1924 से ही रेल बजट को आम बजट से अलग पेश करने की प्रथा चली आ रही थी। जिसे 92 वर्षों बाद तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने समाप्त कर दिया। 2017 से संसद में अब रेल बजट आम बजट के साथ ही पेश किया जाता है।