INS Viraat: आखिरी सफर पर निकला आईएनएस विराट

Indian Navy : तीस साल तक रहा भारतीय नौसेना की शान, दुनिया का 27 चक्कर लगा चुका है यह महायोद्धा, लंबे समय तक सेवा देने वाले युद्धपोत का गिनीज बुक रिकार्ड

Updated: Sep 20, 2020, 08:20 AM IST

Photo Courtsey: The Week
Photo Courtsey: The Week

मुंबई। भारतीय नौसेना से सेवामुक्त हो चुके आईएनएस विराट शनिवार (19 सितंबर) अपने आखिरी सफर पर निकल पड़ा है। मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड से यह महायोद्धा गुजरात के भावनगर जिले में स्थित अलंग तक जाएगा जहां उसे विघटित कर कबाड़ में बेच दिया जाएगा। तकरीबन 30 वर्षों तक भारतीय नौसेना की शान रहे इस विशालकाय युद्धपोत को पूर्व नौसैनिकों ने गेटवे ऑफ इंडिया से भावभीनी विदाई दी। 

मूल रूप से यह पोत ब्रिटिश वॉरशिप है जिसे साल 1959 में रॉयल नेवी में शामिल किया गया। ब्रिटिश रॉयल नेवी में इसका नाम एचएमएस हरमेस था। बाद में साल 1986 में भारत सरकार द्वारा खरीदे जाने के बाद इसे भारतीय नौसेना की बेड़ा में शामिल किया गया और इसका नामकरण आईएनएस विराट के रूप में हुआ। करीब 30 साल तक भारतीय नौसेना में सेवा देने के बाद साल 2017 में इसे आधिकारिक रूप से सेवामुक्त कर दिया गया था।

दुनिया का 27 चक्कर लगा चुका है यह महायोद्धा

तकरीबन 226 मीटर लंबाई और 49 मीटर चौड़ाई वाले इस युद्धपोत ने दुनिया की 27 चक्कर लगाई है। इस दौरान इसने 1 करोड़ 94 हजार 215 किलोमीटर का सफर तय किया है। भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद इसे कई ऑपरेशन्स में शामिल किया गया जिसमें इस महायोद्धा ने अपनी लोहा मनवाई। जुलाई 1989 में ऑपेरशन जुपिटर में पड़ोसी देश श्रीलंका में शांति स्थापना के ऑपरेशन में हिस्सा लिया था। इसके नाम लंबे समय तक सेवा देने वाले युद्धपोत का गिनीज बुक रिकार्ड दर्ज है। 

साल 2001 में जब भारतीय संसद पर हमला हुई तब उसके बाद ऐतिहासिक ऑपरेशन पराक्रम में भी इस युद्धपोत ने अतुल्यनीय भूमिका निभाई थी। अपने पूरे कार्यकाल के दौरान विराट ने 2250 दिनों तक समुद्र में बिताए। यह जहाज अपने आप में चलता फिरता छोटा शहर था। इसके अंदर लाइब्रेरी, जिम, एटीएम से लेकर अस्पताल तक कि सुविधाएं थी। इस जहाज पर करीब डेढ़ हजार भारतीय जवान तैनात रहते थे। 

नौसेना से सेवामुक्त होने के बाद इसे रेस्तरां और संग्रहालय बनाने का भी प्रयास किया गया लेकिन वह सफल नहीं रहा। इसके बाद अलंग स्थित श्री राम समूह ने इसके विघटन कि जिम्मेदारी ली। इसके लिए इसे खींचकर मुंबई से अलंग ले जाया जा रहा है जहां पहुंचने में दो दिन का समय लगेगा। बता दें कि अलंग में पोतों के विघटन का दुनिया का सबसे बड़ा यार्ड है।