Floating Ambulance: डल झील में चली पहली शिकारा एंबुलेंस

12 लाख की लागत से दो महीने में हुई तैयार, ज्यादा स्पेस और मोटर युक्त है यह एंबुलेंस शिकारा, पर्यटकों और रहवासियों को मिलेगी मेडिकल सुविधाएं

Updated: Dec 19, 2020, 01:03 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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श्रीनगर। दुनियाभर के सैलानियों की पसंदीदा जगहों में से एक है कश्मीर की डल झील। अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध डल झील पर शुक्रवार से शिकारा एंबुलेंस चलनी शुरू हो गई है। यहां के एक निवासी तारिक अहमद पाटलो ने इसका निर्माण किया है।

तारिक अहमद का कहना है कि जब वे कोरोना पॉजिटिव हुए थे तब उन्हें अपने हाउसबोट से अस्पताल ले जाने के लिए कोई तैयार नहीं था। जिसके बाद उन्होंने खुद एंबुलेंस शिकारा बनाने का फैसला किया। तारिक अहमद का कहना है कि जैसी परेशानी उन्हें झेलनी पड़ी है वैसी किसी और को नहीं सहनी पड़े। 

इस शिकारा एंबुलेंस की सुविधा का लाभ यहां के स्थानीय लोगों के साथ-साथ पयर्टक भी ले सकेंगे। इस शिकारा एंबुलेंस को तैयार करने में करीब दो महीने का समय लगा। इसकी लागत करीब 12 लाख रुपये आई है।

 

दूसरे हाउस बोट्स की अपेक्षा इस एंबुलेंस शिकारा में ज्यादा जगह है। इसमें मरीजों को इमरजेंसी सुविधाएं देने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। 155 साल में यह पहला मौका है जब हाउसबोट के साथ यहां शिकारा एंबुलेंस दिखाई दे रही है।

इस शिकारे के निर्माण में ज्यादातर पांरपरिक सामग्री की उपयोग किया गया है। लकड़ी से बनी इस बोट में मेडिकल इक्विपमेंट लगाए जा रहे हैं। तारिक का कहना है कि झील में जरूरतमंद लोगों के लिए यह एक हेल्पलाइन की तरह होगी। शिकारे में मौजूद फोन नंबर पर जरूरतमंद लोग फोन करके मदद प्राप्त कर सकेंगे। मरीजों तक जल्दी पहुंचने के लिए इसमे मोटर भी लगाया गया है। 

तारिक अहमद को उम्मीद है कि उनकी पहल लोगों के काम आएगी। मरीजों को जल्द से जल्द इलाज मुहैया हो सकेगा।