देर रात खत्म हुआ पहलवानों का धरना, आरोपों की जांच होने तक फेडरेशन से दूर रहेंगे बृजभूषण सिंह

दिल्ली के जंतर-मंतर पर दो दिन से प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने सरकार से उनकी शिकायतों का समाधान करने का आश्वासन मिलने के बाद शुक्रवार देर रात करीब 1 बजे अपना धरना समाप्त कर दिया।

Updated: Jan 21, 2023, 03:14 AM IST

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का तीन दिन से जारी धरना देर रात 1 बजे खत्म हो गया। ये फैसला खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और पहलवानों के बीच 7 घंटे चली मीटिंग के बाद लिया गया।

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के साथ बैठक के बाद WFI प्रमुख पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की और उन्हें निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया, जिसके बाद पहलवानों ने अपना धरना प्रदर्शन स्थगित करने का फैसला किया। यह कमेटी 4 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी। इसके सदस्यों की घोषणा शनिवार को होगी। 

जांच पूरी होने तक बृजभूषण सिंह फेडरेशन का काम नहीं देखेंगे। यह समिति ही WFI के कामकाज नजर रखेगी। बृजभूषण ने भी जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया है। धरना खत्म करने का ऐलान करते हुए पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा, 'केंद्रीय खेल मंत्री ने हमारी मांगों को सुना और उचित जांच का आश्वासन दिया। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी, इसलिए हम धरना खत्म कर रहे हैं।'

खेल मंत्रालय तीन सदस्यीय जांच समिति के सदस्यों के नामों की आज घोषणा करेगा। यह समिति 4 सप्ताह में बृजभूषण शरण सिंह और WFI के अन्य पदाधिकारियों पर लगे सभी आरोपों की जांच करेगी और अपना रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंपेगी। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है, तब तक बृजभूषण शरण सिंह डब्ल्यूएफआई और उसके कामकाज से खुद को अलग रखेंगे।

शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में बृजभूषण शरण सिंह ने WFI अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह किसी की पैरवी या रहम से अध्यक्ष नहीं बने हैं, बल्कि मतदान प्रक्रिया के तहत निर्वाचित हुए हैं।

इससे पहले शुक्रवार देर शाम भारतीय ओलिंपिक संघ (आइओए) ने बृजभूषण पर लगे यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए 6 बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की। इस कमेटी के अन्य सदस्यों में पहलवान योगेश्वर दत्त, तीरंदाज डोला बनर्जी, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव, दो वकील तालिश रे और श्लोक चंद्रा और पूर्व शटलर अलकनंदा अशोक शामिल हैं।