संयुक्त राष्ट्र महासचिव के चुनाव में उतरीं भारतीय मूल की आकांक्षा, यह चुनाव लड़ने वाली सबसे युवा उम्मीदवार

34 साल की अरोड़ा आकांक्षा भारतीय मूल की कनाडाई नागरिक हैं, वे संयुक्त राष्ट्र के ऑडिट विभाग में काम करती हैं

Updated: Feb 28, 2021, 03:50 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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नाम से पहले सरनेम लगाने वाली अरोड़ा आकांक्षा 34 साल की हैं। इतनी कम उम्र में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव पद के लिए दावेदारी पेश की है। करीब पांच साल से संयुक्त राष्ट्र के लिए काम कर रहीं आकांक्षा की दावेदारी का अब तक किसी भी देश ने आधिकारिक रूप से समर्थन नहीं किया है। फिर भी वे अपने दम पर चुनाव लड़ने का एलान करके मैदान में उतर चुकी हैं। संयुक्त राष्ट्र के साढ़े सात दशक के इतिहास में अब तक किसी महिला को महासचिव का पद नहीं मिला है। 

मौजूदा महासचिव एंटोनियो गुटेरस और पांच साल तक काम करने की इच्छा जता चुके हैं। नए महासचिव का कार्यकाल जनवरी 2022 से शुरू होगा। आकांक्षा यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) में ऑडिट कोऑर्डिनेटर हैं। 

अपना सपना पूरा करने के लिए आकांक्षा ने तैयारी भी शुरू कर दी है। वे aroraforsg हैशटैग के साथ कैंपेनिंग कर रही हैं। आकांक्षा ने इस बारे में एक वीडियो भी शेयर किया है। ढाई मिनट के इस वीडियो में वे कहती हैं कि उनके स्तर के लोग ऐसे प्रभावी पदों के लिए उम्मीदवार नहीं बनते। वे अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं। वो कहती है कि ‘हम सिर झुका कर अपने काम पर जाते हैं और उसे ही स्वीकार करते हैं जैसे दुनिया चल रही होती है।’

आकांक्षा भारत के हरियाणा में पैदा हुई हैं। वे कनाडा की नागरिक होने के साथ ही साथ ओवरसीज़ सिटिज़न ऑफ इंडिया (OCI) भी हैं। एडमिनिस्ट्रेटिव स्टडीज में ग्रेजुएशन करने वाली आकांक्षा ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की है। फिलहाल वे UNDP के लिए ऑडिट करने का काम भी करती हैं। आकांक्षा की मानें तो उनसे पहले आए लोग यूएन को जवाबदेह बनाने में सफल नहीं रहे हैं। इसलिए वे खुद यूएन जनरल सेक्रेटरी के लिए बतौर उम्मीदवार उतर रही हैं। आकांक्षा की उम्मीदवारी का आधिकारिक तौर न तो भारत ने समर्थन किया है और न ही कनाडा ने। फिर भी अपनी बात खुलकर दुनिया के सामने रखने का साहस दिखाने के लिए उनकी तारीफ हो रही है।

अपने कैंपेन की सेल्फ फाइनेंसिंग करने वाली आकांक्षा का आरोप है कि यूएन अपने चार्टर में जो कहता है, वैसी स्थिति नहीं है। ऐसा उन्होंने यूएन में अपने काम के दौरान पाया है। वो पिछले दो साल से सुधार की कोशिश में जुटी हैं, उन्हें ऊपर की लीडरशिप से कुछ हद तक सहयोग भी मिला है।

आकांक्षा का कहना है कि उनका कम उम्र का होना एडवांटेज है। ऐसे में जबकि देश की आधी आबादी तीस साल से कम उम्र की है। कम उम्र के लोग अपने उम्र के लोगों की समस्याएं आसानी से समझ सकते हैं। अब देखना होगा की आकांक्षा की यह मेहनत कितना रंग लाती है। क्या वे इतिहास बनाने में कामयाब हो पाती हैं। महासचिव का चुनाव इसी साल दिसंबर तक होना है।

एंतोनियो गुतारेस 1 जनवरी 2017 से संयुक्त राष्ट्र महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। 71 वर्षीय गुतारेस ने ऐलान किया है कि वे एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र महासचिव बनने के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगे। गुतारेस का मौजूदा कार्यकाल 31 दिसंबर 2021 तक है। वे यूएन के नौवें महासचिव हैं।