इंदौर की पलक शर्मा को गणतंत्र दिवस के मौके पर मिलेगा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
इंटरनेशनल गोताखोर पलक शर्मा एशियन एज ग्रुप चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली अबतक के सबसे कम उम्र की गोताखोर हैं, 8 साल की उम्र से कर रही हैं प्रैक्टिस
 
                                        इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर की बेटी इंटरनेशनल गोताखोर पलक शर्मा को गणतंत्र दिवस के मौके पर गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पलक के पिता पंकज शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण पलक को यह सम्मान इंदौर के कलेक्टर ऑफिस में 26 जनवरी को दोपहर 12 बजे वर्चुअल तरीके से दिया जाएगा। दिल्ली से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
आमतौर पर यह सम्मान देश के राष्ट्रपति के हाथों राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह के दौरान दिया जाता है और प्रधानमंत्री भी सम्मानित बच्चों से मुलाकात करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते इस सम्मान समारोह का आयोजन वर्चुअल माध्यमों से हो रहा है। पलक इस सम्मान को पाने के लिए काफी एक्साईटेड है।
कौन हैं पलक शर्मा
मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्मी पलक शर्मा ने साल 2019 में एशियन एज ग्रुप चैंपियनशिप में एक स्वर्ण और दो रजत पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया था। मात्र 13 वर्ष की उम्र में इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पलक अब तक की सबसे कम उम्र की गोताखोर हैं। इसके अलावा छोटी सी उम्र में ही वे पांच राष्ट्रीय स्पर्धाओं में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। इस दौरान विभिन्न वर्गों में उन्होंने कुल 11 स्वर्ण पदक हासिल किए।
प्रैक्टिस के लिए 4 साल में बदले 4 स्कूल
पलक के पिता पंकज शर्मा ने बताया कि पलक ने 8 साल की उम्र से ही गोताखोरी की प्रैक्टिस करना शुरू की थी। पलक की गोताखोरी की प्रैक्टिस प्रभावित न हो इसके लिए वह 4 साल में 4 स्कूल बदलवा चुके हैं। पलक स्कूल जाने के साथ ही सुबह शाम 8 घंटे प्रैक्टिस करती हैं। वह पढ़ाई के मामले में भी ब्रिलियंट हैं। पलक की मां भाग्यश्री शर्मा बताती हैं कि लॉकडाउन में पलक की गोताखोरी की प्रैक्टिस नहीं हो पा रही थी, क्योंकि सभी स्विमिंग पूल बंद थे। ऐसे में छत पर ही गद्दे डालकर उस पर जंपिग, डायविंग और दूसरी प्रैक्टिस कराते रहे।
पलक कहती हैं कि कोरोना काल में 10 महीने जमीन पर तो खूब प्रैक्टिस हो गई अब वह पानी में उतरने को बेताब हैं। पलक अपने गुरु रमेश व्यास को अपना आदर्श मानती हैं। उनका लक्ष्य गोताखोरी में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक लाना है।




 
                             
                                   
                                 
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
                                    
                                 
                                     
                                     
                                     
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								