नैना धाकड़ ने रचा इतिहास, एवरेस्ट फतह करने वाली पहली छत्तीसगढ़ी महिला बनीं

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले की नैना सिंह धाकड़ ने एवरेस्ट की चोटी पर फहराया तिरंगा, बीमार होने के बावजूद नहीं मानी हार, सबसे ऊंची चोटी पर पहुंच कर ही लिया दम, देशभर से मिल रही बधाइयां

Updated: Jun 03, 2021, 02:16 PM IST

Photo courtesy: twitter
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर की नैना सिंह धाकड़ ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर फतह हासिल की है। उन्होंने अपनी खराब सेहत के बावजूद एक जून को एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया है। यह कारनामा करने वाली नैना छत्तीसगढ़ की पहली महिला पर्वतारोही बन गई हैं। जो विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट तक पहुचने में कामयाब हुई और वहां देश का तिरंगा लहराया। इस दौरान नैना बीमार भी हो गईं, लेकिन नैना ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ती रहीं। इस दौरान उनकी साथी पर्वतारोही याशी जैन ने स्पोर्ट्समैन स्पिरिट दिखाई और नैना की मदद की।

नैना धाकड़ के एवरेस्ट पर पहुंचने की उपलब्धि पर उन्हें चारों और से तारीफें और बधाइयां मिल रही हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बधाई दी है। वहीं मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने उनकी प्रशांसा की है। विवेक तन्खा ने ट्वीट करते हुए नैना को सलाम किया है। उन्होंने नैना को छत्तीसगढ़ और देश की महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल कहा है। 

 

सीएम भूपेश बघेल ने नैना की तारीफ करते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ का गौरव कहा है। मुख्यमंत्री ने बस्तर की बेटी उन्होंने नैना के उज्जवल भविष्य की कामना की है। अपने ट्वीट संदेश में उन्होंने लिखा है कि नैना ने अपने दृढ़ संकल्प, इच्छाशक्ति तथा अदम्य साहस से यह कर दिखाया है।

नैना जगदलपुर के एक्टागुड़ा गांव की रहने वाली हैं। वे करीब 10 साल से पर्वतारोहण के क्षेत्र में एक्टिव हैं। वे अब तक हिमाचल समेत देश की विभिन्न् ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं को फतह कर चुकी हैं। उन्होंने 2019 में मनाली से लेह खारदुंगला पर्वत श्रृंखला को फतह किया था। वे विश्व की चौथी ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से पर भी फतह हासिल कर चुकी है, वहां भी उन्होंने तिरंगा फहराया था। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848.86 मीटर है।