21 साल का युवा प्रदेश छत्तीसगढ़, विकास की नई इबारत लिखने की कर रहा तैयारी

1 नवंबर 2000 को मध्यप्रदेश से विभाजित होकर छत्तीसगढ़ का हुआ गठन, गढ़बो नया छत्तीसगढ़ के सपने के साथ मॉडल राज्य बनाने की ओर अग्रसर, किसानों, बेरोजगारों, आदिवासियों के लिए चलाई जा रही योजनाएं ला रहीं रंग

Updated: Nov 01, 2021, 09:06 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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रायपुर। अपार प्राकृतिक संसाधनों से युक्त छत्तीसगढ़ की स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुई थी। इसी एतिहासिक दिन मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया था। यहां की अपनी अलग संस्कृति, बोलियां, भाषाएं, खानपान, रहन-सहन है। यह आदिवासी बहुल राज्य प्राकृतिक सुंदरता से अच्छादित है। इसका पुरातन इतिहास भी है। यहां की भौगोलिक परिस्थितियां इसे और राज्यों से खास बनाती हैं। 

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को स्थापना दिवस की बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि यह 21 साल की विकास यात्रा हमारे पूर्वजों के सपनों, आंदोलन के संघर्षों, जनता की आकांक्षाओं और यात्रारत नवा छत्तीसगढ़ के संकल्पों को समेटे हुए है।

 

 21 साल में प्रदेश ने काफी प्रगति की है। यहां बेहतर शिक्षा, उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं, रोजगार के नए मौके, किसानों के लिए खेती की सुविधाएं, समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी के साथ 52 प्रकार की लघु वनोपज खरीदी का काम किया जा रह है। नए उद्योगों की स्थापना, पुराने उद्योगों का विकास और नक्सलवाद के खात्मे के लिए प्रायस जारी हैं। गोधन न्याय योजना के तहत किसानों से गोबर खरीदी कर उससे खाद और बिजली तैयार की जा रही है।

 छत्तीसगढ़ को भगवान श्री राम का ननिहाल कहा जाता है, दक्षिण कौशल प्रांत में माता कौशल्या का मायका था। छत्तीसगढ़ को 18वीं सदी के दौरान से इसके वर्तमान नाम से पुकारा जाने लगा। मराठा काल में शुरू हुआ। कहा जाता है तत्कालीन समय राज्य में 36 गढ़ समाहित थे, इस राज्य में लोग  छत्तीसगढ़ी और गोंड भाषा के माध्यम से संवाद करते थे।  तत्कालीन मध्यप्रदेश से अलग होने पर प्रदेश के पहले सीएम होने के गौरव अमित जोगी को मिला। वहीं इनदिनों प्रदेश के विकास की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर है।

छत्तीसगढ़ की सीमाएं मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से लगी हैं। यहां की 80 प्रतिशत आबादी कृषि करती है। छत्तीसगढ़ को भारत का धान का कटोरा भी कहा जाता है और यहां से 600 चावल मिलों को आपूर्ति की जाती है। स्टील और बिजली राज्य के प्रमुख उद्योग हैं। देश का 15 प्रतिशत स्टील छत्तीसगढ़ में उत्पादित होता है।                                                                                           

मन को मोह लेने वाली प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर है छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक भव्यता का केंद्र कहा जाता है। यहां ज्यादातर लोग आदिवासी हैं, जो हिंदी और छत्तीसगढ़ी बोलते हैं। ये लोग बहुत मेहनती हैं और खदानों और कारखानों में काम करते हैं।

 छत्तीसगढ़ में 3 राष्ट्रीय उद्यान और 11 वन्यजीव अभयारण्य हैं, जहां अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है। इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान, बरनावपारा वन्यजीव अभयारण्य, तैमूर पिंगला, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, पेम्ड, संजय राष्ट्रीय उद्यान, सेमरसोत, सीतानाड़ी वन्यजीव अभयारण्य, उदंति वन्यजीव अभयारण्य, अचानकुमार वन्यजीव अभयारण्य, बादलखोल, भैरामगढ़, गोमर्दा वन्यजीव अभयारण्य भी लोगों को खासे लुभाते हैं।

छत्तीसगढ़ का वन राजस्व राज्य के कुल वन राजस्व का 44 प्रतिशत है। यहां चूना पत्थर, लौह-अयस्क, तांबा अयस्क, रॉक फॉस्फेट, मैंगनीज़ अयस्क, बाक्साइट, कोयला, एस्बस्टस और माइका के भंडार पाए जाते है। जिन्हे देश विदेश  में भेजा जाता है।