अभिभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री के बेटे, बहू, पोती की हत्या, मौके पर मंत्री और पुलिस के आलाधिकारी पहुँचे

घटना सुबह 4 बजे की बताई जा रही है, वारदात को तीन लोगों ने मिलकर अंजाम दिया। घटना के वक्त हरीश की बूढ़ी माँ चीख़ सुनकर उठी, तब तक हत्यारे भाग चुके थे।

Updated: Apr 21, 2021, 06:11 AM IST

Photo courtesy: bhaskar
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रायपुर/कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले के उरगा थाना क्षेत्र अंतर्गत भैसमा गांव में बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया है। अभिभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री प्यारे लाल कवंर के पुत्र हरीश कंवर, पत्नी सुमित्रा कंवर, पुत्री आशी कंवर की सुबह 4 बजे धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई। घटना की जानकारी मिलते ही डॉग स्क्वायड और फारेंसिक टीम  के साथ मौके पर पुलिस के आलाधिकारी पहुंचे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक  सुबह 4 बजे के हरीश के बड़े भाई मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। तभी कुछ देर बाद मकान में तीन लोग घुस आए। इस वक्त हरीश उनकी पत्नी और बेटी नींद में सोए हुए थे। हमलावरों ने चाकू और हंसिए जैसे हथियारों से तीनों पर कई वार किए, हरीश के चेहरे और शरीर के कई हिस्सों पर कटने के निशान हैं। बताया जा रहा है वारदात के वक़्त हरीश की बूढ़ी मां जीवन बाई उस वक्त घर पर ही थीं, चींखें सुनकर उठीं तब तक हत्यारे वारदात को अंजाम दे कर भाग चुके थे।

जोगी जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी ने इस हत्याकांड की खबर दुःख जताया है। कहा कि कोरबा जिले के रामपुर क्षेत्र के भैंसमा गांव में मेरे छोटे भाई हरीश कंवर, उनकी धर्मपत्नी सुमित्रा और बेटी आशी की दर्दनाक हत्या के समाचार से मैं स्तब्ध हूं। वे बेहद सीधे, सरल और सहज स्वभाव के धनी थे। हम दोनों ने एक साथ राजनीति में प्रवेश किया था। कुदुरमाल में सद्गुरू कबीर साहेब के ऐतिहासिक धरोहर को अवैध ब्लास्टिंग से बचाने और लेमरु में हाथी-उत्पात प्रभावितों की जान बचाने और उन्हें उचित मुआवजा दिलाने के लिए उन्होंने सफल जनांदोलन किए थे।


घटना की जानकारी मिलते ही छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल समेत कई नेता भैसमा पहुंचे। घटना स्थल पर एसपी अभिषेक मीणा सहित कई पुलिस के अधिकारी मौजूद हैं। ज्ञात हो जब प्यारेलाल कंवर अपनी राजनीतिक शीर्ष पर थे तो उन्होंने ही जयसिंंह को कांग्रेस की राजनीति में अवसर दिया था। जयसिंह ने कहा है कि किसी भी कीमत पर इस वारदात का खुलासा होगा और हत्यारे पकड़े जाएंगे।

गौरतलब है पूर्व उपमुख्यमंत्री प्यारे लाल कवर अविभाजित मध्यप्रदेश में आदिवासी नेतृत्व का प्रमुख चेहरा हुआ करते थे। कांग्रेस नेता प्यारेलाल कंवर कोरबा जिले की रामपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते रहे। इसी विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के ननकीराम कंवर परंपरागत प्रतिद्वंदी रहे। दिग्विजयसिंह के कार्यकाल मे प्यारेलाल कंवर को जातिगत समीकरणों के आधार पर सन 1997-1998 में मध्यप्रदेश का उपमुख्यमंत्री बना दिया गया था। बाद में प्यारेलाल कंवर को जबलपुर के मढ़ाताल भूमि घोटाले में पद से हटा दिया गया था। उसके बाद वे सिर्फ एक बार विधायक रहे और फिर राजनीति में हाशिए पर चले गए।