मई महीने में थोक महंगाई दर तीन दशकों के उच्चतम स्तर 15.88% पर पहुंची, रुपया फिर हुआ कमजोर

खाद्य वस्तुओं और कच्चा तेल महंगा होने से मई महीने में थोक महंगाई दर तीन दशकों के सबसे उच्चतम स्तर 15.88% पर पहुंच गई है। जो कि पिछले महीने 15.08% थी और पिछले साल मई में 13.11% थी।

Updated: Jun 14, 2022, 11:46 AM IST

भोपाल। भारत में महंगाई की मार झेल रही जनता के लिए महंगाई ने मई महीने एक नया कीर्तिमान गड़ा है। खाद्य वस्तुओं और कच्चा तेल महंगा होने से मई महीने में थोक महंगाई दर तीन दशकों के सबसे उच्चतम स्तर 15.88% पर पहुंच गई है। जो कि पिछले महीने 15.08% थी और पिछले साल मई में 13.11% थी।

मंगलवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सब्जियों, फलों, दूध, विनिर्माण, ईंधन और बिजली की कीमतों में वृद्धि के साथ थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर मई महीने में बढ़कर 15.88% के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जो कि अप्रैल में 15.08% के उच्च स्तर पर थी। सबसे ज्यादा मुद्रास्फीति दर कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस में 79.50%, सब्जियों में 56.36%, ईंधन और बिजली में 40.62% दर्ज की गई है।

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थोक महंगाई दर पिछले साल अप्रैल से लगातार 14वें महीने दोहरे अंकों में बनी हुई है और पिछले तीन महीनों से लगातार बढ़ती जा रही है। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर में मई में 0.40 फीसदी और जून में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। इसके अतिरिक्त भारतीय रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले फिर कमजोर हुआ। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगभग 20 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 78.28 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़क गया। इसके साथ भी भारतीय शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन मंदी का दौर जारी है। सेंसेक्स 153.13 अंक गिरकर 52,693.57 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 42.30 अंक गिरकर 15,732.10 पर बंद हुआ।