वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रही भारत की GDP विकास दर, मार्च तिमाही में 6.1 फीसदी का ग्रोथ

बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी रही है। वहीं, पूरे वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रही है।

Updated: May 31, 2023, 07:48 PM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार बुधवार को वित्त वर्ष 2022-2023 (FY23) और चौथी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी रही है। वहीं, पूरे वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रही है। नेशनल स्टैटिकल ऑफिस यानी एनएसओ (NSO) की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

पूरे वित्त वर्ष 2023 में देश की विकास दर रिजर्व बैंक के अनुमान से ज्यादा है। RBI ने वित्त वर्ष 2022-23 में 7 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया था। हालांकि FY22 में 9.1 फीसदी की विकास दर की तुलना में यह धीमी है। एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022-23 में स्थिर कीमतों पर वास्तविक जीडीपी या जीडीपी ₹160.06 लाख करोड़ का स्तर प्राप्त करने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी का पहला संशोधित अनुमान ₹149.26 लाख करोड़ ही था।

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2022-23 के दौरान एक्चुअल जीडीपी में वृद्धि 2021-22 में 9.1 फीसदी की तुलना में 7.2 फीसदी अनुमानित है। वर्ष 2022-23 में नॉमिनल जीडीपी या मौजूदा कीमतों पर जीडीपी 16.1 फीसदी की ग्रोथ रेट दिखाते हुए 2021-22 में ₹234.71 लाख करोड़ के मुकाबले ₹272.41 लाख करोड़ के स्तर को प्राप्त करने का अनुमान है।

2022-23 की चौथी तिमाही में स्थिर (2011-12) कीमतों पर जीडीपी ₹43.62 लाख करोड़ अनुमानित है, जबकि 2021-22 की चौथी तिमाही में ₹41.12 लाख करोड़ था, जो 6.1 फीसदी की ग्रोथ दर्शाता है। 2022-23 की चौथी तिमाही में मौजूदा कीमतों पर जीडीपी 71.82 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि 2021-22 की चौथी तिमाही में यह 65.05 लाख करोड़ रुपये था, जो 10.4 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है।

देश का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2023 में कम होकर जीडीपी के 6.4% रहा। यह केंद्र सरकार के लक्ष्य के मुताबिक है। बता दें कि जीडीपी के आंकड़े किसी भी देश के लिए बेहद जरूरी डाटा होता है। ये देश की अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर दिखाते हैं।