फेस्टिव सीजन से पहले RBI ने बढ़ाया रेपो रेट, बढ़ जाएगी आपकी EMI, लोन लेना भी होगा महंगा

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक के फैसलों का एलान कर दिया है और इसमें रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया है, यह लगातार चौथी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में वृद्धि की है।

Updated: Sep 30, 2022, 09:51 AM IST

Photo Courtesy: Business Today
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की बैठक शुक्रवार को संपन्न हुई। रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा की है। इस तरह रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह लगातार चौथी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में वृद्धि की है। इस फैसले के बाद आम लोगों के जेब पर बोझ बढ़ना तय है। 

शुक्रवार हुई बढ़ोतरी के मिलाकर केंद्रीय बैंक मई के बाद से रेपो रेट अब तक चार बार इजाफा कर चुका है। इस वजह से रेपो रेट अब 5.90 फीसदी पर पहुंच गया है। इससे पहले यह 5.40 पर था। बीते महीने पांच अगस्त को भी RBI ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था। अगस्त में रेपो रेट 4.90 से बढ़कर 5.40 किया गया था।इसके पहले आरबीआई मई और जून में कुल मिलाकर 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका था। यानी कि पिछले चार महीनों में रेपो रेट में 1.4% की बढ़ोतरी हो चुकी है।

क्या है रेपो रेट

जिस तरह बैंक हमें लोन देते हैं और उस लोन पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ जाती है। वे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अरबों रुपए कर्ज लेते हैं। इस लोन पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। आज हुई बढ़ोतरी के बाद बैंकों से केंद्रीय बैंक 5.90 फीसदी सालाना ब्याज लेगी। 

रेपो रेट बढ़ने का अर्थ है कि आपकी ईएमआई इसके चलते काफी बढ़ने वाली है। साथ ही होम लोन लेना भी महंगा पड़ेगा। रेपो रेट में लगातार वृद्धि अर्थव्यवस्था में कमजोरी के संकेत हैं। लगातार गर्त में जा रहे रुपए ने आम लोगों के जेब पर बोझ बढ़ा ही रखा था। अब ईएमआई का बोझ लोगों का बजट बिगाड़ने वाला है।

इतना ही नहीं RBI ने वित्‍त वर्ष 2023 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। हालांकि, गवर्नर शक्तिकांता दास ने तर्क दिया कि भारत का GDP ग्रोथ आज भी सबसे बेहतर है। वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही में मांग बेहतर रहेगी। 

विपक्षी दल कांग्रेस ने मौद्रिक नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'अब RBI ने भी भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7% कर दिया है। एशियन डेवलपमेंट बैंक, मूडीज (Moody's) और फिच (Fitch) ने पहले ही GDP ग्रोथ का अनुमान घटा दिया था। अच्छे दिन' की बात करने वाले देश को ग़ुर्बत में ढकेल रहे हैं। आंकड़े गवाही दे रहे हैं।'