State Bank of India: 30 हजार कर्मचारियों को निकालने की तैयारी में बैंक

VRS Scheme in SBI: 25 साल तक काम कर चुके कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, लागत कम करने के लिए बैंक ने तैयार की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना

Updated: Sep 08, 2020, 08:09 AM IST

नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक, एसबीआई अपने 30 हजार से अधिक कर्मचारियों की छुट्टी करने वाला है। बैंक ने लागत कम करने के लिए एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना यानी वीआरएस स्कीम तैयार की है। बैंक के लगभग 30,190 कर्मचारी इस योजना के दायरे में आ सकते हैं। मार्च 2020 तक एसबीआई में कर्मचारियों की कुल संख्या 2.49 लाख है, जो सालभर पहले 2.57 लाख थी।

बताया जा रहा है कि बैंक ने वीआरएस योजना का मसौदा तैयार कर लिया है और निदेशक मंडल की मंजूरी की प्रतीक्षा की जा रही है। प्रस्तावित योजना ‘दूसरी पारी टैप वीआरएस- 2020’ का लक्ष्य बैंक की लागत में कमी लाना और मानव संसाधन का अधिकतम इस्तेमाल करना है।

यह योजना हर वैसे स्थाई कर्मचारियों के लिए है, जिन्होंने बैंक के साथ काम करते हुए 25 साल बिता दिए हैं या जिनकी उम्र 55 साल से ऊपर है। योजना एक दिसंबर को खुलेगी और फरवरी तक उपलब्ध रहेगी। उसके बाद वीआरएस आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। प्रस्तावित पात्रता शर्तों के अनुसार, बैंक में कार्यरत 11,565 अधिकारी और 18,625 कर्मचारी योजना के पात्र होंगे।

बैंक ने कहा है कि अनुमानित पात्रता संख्या में से यदि 30 प्रतिशत ने योजना का चयन किया तो जुलाई 2020 के वेतन के हिसाब से बैंक को 1,662.86 करोड़ रुपये की शुद्ध बचत होगी।

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योजना चुनने वाले कर्मियों को बचे कार्यकाल का 50 प्रतिशत या पिछले 18 महीने में उन्हें कुल वेतन में से जो कम होगा, उसका एकमुश्त भुगतान किया जायेगा। इसके अलावा उन्हें ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि और चिकित्सा लाभ जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।

हालांकि, बैंक यूनियन प्रस्तावित वीआरएस योजना के पक्ष में नहीं हैं। नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा ने कहा, ‘‘एक ऐसे समय में, जब देश कोविड-19 महामारी की चपेट में है, यह कदम प्रबंधन के मजदूर विरोधी रवैये को दर्शाता है।’’