रुपए की दुर्गति जारी, डॉलर के मुकाबले 83 के भी पार पहुंचा, अब तक की सबसे बड़ी गिरावट

भारतीय रुपए में लगातार गिरावट जारी है। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 61 पैसे टूटकर 83.01 के स्तर पर पहुंच गया। रुपए में गिरावट से देश में महंगाई में बढ़ोतरी तय है।

Updated: Oct 19, 2022, 07:31 PM IST

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय रुपए की दुर्गति जारी है। बुधवार को भारतीय रुपये ने गिरने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। रुपया 61 पैसे टूटकर 83.01 के स्तर पर पहुंच गया। रुपए के कमजोर होने से देश में महंगाई बढ़ना तय है। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मानें तो चिंता कि कोई बात नहीं है, रुपया कमजोर नहीं हो रहा बल्की डॉलर मजबूत हो रहा है।

बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया पहली बार 61 पैसे टूटकर 83 अंक से नीचे आया है। मंगलवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 10 पैसे टूटकर 82.40 पर बंद हुआ था। पिछले कुछ महीनों में बुधवार को रुपए में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। जब यह टूटकर 61 पैसे कमजोर हुआ है। रुपए में इस गिरावट को अर्थशास्त्री भारत के आर्थिक मोर्चे पर खतरनाक संकेत मान रहे हैं।

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बता दें कि हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिका की यात्रा पर थीं। वहां पत्रकारों ने जब उनसे रुपये के गिरने को लेकर सवाल किया गया, तब उन्होंने अजीबोगरीब जवाब दिया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा है, बल्की डॉलर मजबूत हो रहा है। वित्त मंत्री के इस बयान के बाद देश में काफी हंगामा भी देखने को मिला।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक रुपये की कीमत गिरने का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा। इसका सबसे बड़ा प्रभाव पेट्रोल और डीजल की कीमत पर पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से भी ज्यादा क्रूड ऑयल विदेश से आयात करता है। इसलिए डॉलर की कीमत बढ़ने से भारत का कच्चा तेल महंगा हो जाएगा। सिर्फ क्रूड ऑयल ही नहीं, बल्कि भारत जिन भी प्रोडक्ट्स का इम्पोर्ट करता है, अब उन सबके दाम बढ़ जाएंगे। आयातकों को इन प्रोडक्ट्स के लिए पहले से ज्यादा पैसे देने और बाजारों में भी यह महंगा हो जाएगा।