बेमौसम बारिश और आंधी से फसल खराब, बेरंग हुई MP में किसानों की होली, खेत में रोते-बिलखते दिखे किसान

फसल नुकसान का सर्वे करने नहीं पहुंची है शासकीय टीम, रोते बिलखते किसान ने बच्चों के साथ तहसील जाकर आत्महत्या करने की दी चेतावनी।

Updated: Mar 09, 2023, 08:59 AM IST

भोपाल। रंगों का त्योहार होली इस बार मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बेरंग हो गई है। राज्यभर में इस हफ्ते हुई बेमौसम बारिश ने खेतों में लगी फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। बारिश व तेज हवा के कारण खेतों में खड़ी लहलहाती फसलें चौपट हो गई। 

फसल खराब होने के कारण प्रदेशभर में किसानों को भारी क्षति हुई है। राजधानी भोपाल से सटे शेषापुरा गाव के किसान प्रेम सिंह की 7 एकड़ जमीन में लगी गेंहू की फसल हवा पानी की वजह से बर्बाद हो गई।  किसान प्रेम सिंह होली वाले दिन अपने दो नन्हें बच्चों के साथ खेत में रोते-बिलखते दिखे। उन्हें मुआवजा मिलना तो दूर सर्वे टीम तक नहीं पहुंची है। पटवारी ने भी कोई जायजा नहीं लिया।

किसान ने अपने बच्चों के साथ तहसील कार्यालय जाकर आत्महत्या करने की चेतावनी दी। यह हाल तो राजधानी भोपाल का है। दूर दराज के इलाकों में स्थिति और विकट है। किसान अब फसल मुआवजा और फसल बीमा के भरोसे हैं। सरकार से यही मांग कर रहे हैं कि जल्द उन्हें कम से कम लागत का पैसा मिल जाए।

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि को देखते हुए सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों पर बेमौसम आपदा पर इस संकट में पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है। हालांकि, किसान अपने पूर्व के अनुभवों के कारण सरकारी मदद को लेकर आशंकित हैं। क्योंकि पिछले साल ही शासकीय राहत के नाम पर किसानों के साथ खिलवाड़ किया गया था।

कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने विधानसभा सत्र में 2 दिन सिर्फ किसानों पर चर्चा करने की मांग की है। ताकि किसानों को उचित मुआवजा मिल सके। उन्होंने कहा, 'उजड़ी हुई फसलें, टूटे हुए सपने और रोता हुआ किसान। मध्य प्रदेश में द्रवित करने वाला दृश्य है। पूरे प्रदेश में किसानों की हालत खराब है। बच्चों की तरह किसान अपनी फसल को पालता है। महंगा बीज, महंगी खाद, महंगे डीजल के कारण कर्ज में डूबे किसानों पर वज्रपात हुआ है। सिर्फ सर्वे के झूठे आदेश से काम नहीं चलेगा, किसानों को सीधा मुआवजा दिया जाए।'