Digvijaya Singh: बारिश से फसल खराब हुई, मुआवजा दे सरकार

Crop Loss: राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को लिखा पत्र, किसानों की फसलें बर्बाद होने पर आर्थिक सहायता प्रदान करें

Updated: Sep 12, 2020, 06:53 AM IST

भोपाल। प्रदेश में हुई भारी बारिश और उसके बाद पनपे बाढ़ के हालात से किसानों की खरीफ फसलें बर्बाद हो गई हैं। जिस वजह से किसानों की आय के स्त्रोत पर कड़ा प्रहार हुआ है। किसान मुआवज़ा की आस लगाए बैठे हैं लेकिन अब तक राज्य सरकार की ओर से ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया है जिससे यह प्रतीत होता हो कि सरकार किसानों की खराब हुई फसलों को लेकर चिंतित है।  

ऐसे में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री को किसानों को आर्थिक सहायता  प्रदान करने के संबंध में पत्र लिखा है। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को बताया है कि उन्होंने 10 सितंबर को भोपाल और सीहोर ज़िले का दौरा किया था। दोनों ही जगह किसान अपनी फसल खराब होने से अत्यंत परेशान हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यह किसानों के लिए आपदा की घड़ी है। लिहाज़ा राज्य सरकार को तत्काल ही किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाना चाहिए।  

Click: MP Farmers Distress: जुलाई में सूखा, अगस्त में बाढ़, चौपट हुईं खरीफ फसलें  

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान को कहा है कि 'यह अत्यंत दु:खद है कि भोपाल संभाग में इतने बड़े पैमाने पर किसानों की फसल बर्बाद होने पर भी जिला प्रशासन ने फसल क्षति आंकलन का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है जबकि किसानों की शत् प्रतिशत् फसलें खराब हो गई है। प्रदेश में खरीफ की फसल खराब होने के बाद अनेक जिलों में किसानों ने आत्महत्या करने जैसा दर्दनाक कदम उठा लिया है। जिसमें दो किसान आपके गृह जिले सीहोर के भी हैं।'

Click: Soybean Crop Loss: मिलावटी खाद से बर्बाद हुई सोयाबीन फसल

यहां रेखांकित करने योग्य बात यह है कि राज्य सरकार के ही एक आंकड़े के मुताबिक़ प्रदेश भर में लगभग 15 लाख हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो चुकी है। किसान फसलों पर मुआवज़ा के लिए लगातार प्रदर्शन के ज़रिए अपनी मांग भी उठा रहे हैं।  

क्या हैं मांगें ?     
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने किसानों मांगों का समर्थन करते हुए कहा है कि:   
1.खरीफ की फसल के दौरान जिन किसानों की फसलें पूरी तरह से खराब हो गई है, उनके द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड पर एवं प्राथमिक सहाकारी समितियों से लिया गया ऋण माफ किया जाये।
2.कृषि विशेषज्ञों का दल गठित किया जाकर फसल क्षति का आंकलन कराया जाये और संबंधित बीमा कम्पनियों से तत्काल बीमा राशि का भुगतान भी कराया जाये।
3 आगामी रबी की फसल के लिये किसानों को खाद, बीज की व्यवस्था कराई जाये।
4 जिन किसानों पर पूर्व का ऋण बकाया है उनको भी कृषि ऋण उपलब्ध कराया जाये।
5 आवश्यकता अनुसार किसानों को सहयोग के रूप में महात्मा गांधी नरेगा या सूखा राहत मद से मजदूर उपलब्ध करायें।