नकली खाद फैक्ट्री का भंडाफोड़

जबलपुर पुलिस ने फार्म हाउस में संचालित नकली खाद बनाने की फैक्ट्री संचालक समेत 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया, मौके के 115 बोरी नकली खाद और गुजरात की कंपनी के खाली रैपर जब्त,

Updated: Jul 17, 2021, 12:06 PM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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जबलपुर। मध्यप्रदेश के किसानों पर दो धारी तलवार से मार पड़ रही है, एक तरफ तो किसानों को खाद बीज के लिए ऊंची कीमत चुकानी पड़ रही है, दूसरी तरफ किसानों को पैसा चुकाने के बाद भी नकली खाद मिल रही है। जबलपुर में नकली खाद फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। यहां खेत में मकान बनाकर नकली खाद तैयार की जा रही थी। यहां तैयार खाद गुजरात की श्रीराम कंपनी के नाम से तैयार की जा रही थी। आरोपी खाद के पैकेटों में जिंक-सल्फर के 5 किलो के पैकेट में सफेद पाउडर भरते पकड़े गए हैं। पुलिस ने खाद फैक्ट्री से 115 बोरी नकली खाद और उत्तम श्रीराम क्रॉप साल्यूशन कंपनी का नाम छपे 5-5 किलो के खाली रैपर जब्त किए गए हैं। मौके जो पैकेट जब्त किए गए हैं उनमें सफेद चूने जैसा पाउडर मौजूद था।

खेत में बनी फैक्ट्री से बोरियों में भरा 5 हजार 750 किलो नकली खाद, तराजू समेत पैकिंग और नकली खाद बनाने में उपयोग होने वाला कैमिलक जब्त कर लिए हैं।विभाग की ओर से नकली खाद के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

मौके से जब्त किए गए पैकेटों में जिंक सल्फर खाद लिखा गया था, जिनका रेश्यो 33:15 का बताया गया है। इस नकली खाद की कीमत 650 रुपए लिखी हुई है। मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने पाया है कि बोरियों में जिंक सल्फर जैसा कुछ नहीं है। किसानों को ठगने के उद्देश्य से सस्ता खाद बताकर उन्हें ठगने का प्लान था, गरीब किसान बाजारों से 1900 रुपए की खाद की जगह सस्ती खाद खरीदते और उनकी साल भर की मेहनत मिट्टी में मिल जाती। आरोपी अपने मंसूबों में कामयाब हो पाते उससे पहले ही नकली खाद के रैकेट का भंडाफोड़ हो गया।

मुखबिर की सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। नकली खाद फैक्ट्री को सील कर दिया है। कृषि विभाग ने फार्म हाउस मालिक जेसन डिसूजा मास्टरमाइंट विद्याचरण लोधी समेत तीन लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज करवाई है।  

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दरअसल मध्य प्रदेश खाद के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। यहां फरवरी तक 1200 रुपये प्रति बोरी खाद मिल रही थी वहीं अब 500 रुपए महंगी होकर 1900 रुपए में मिल रही है। कुछ स्थानों में पुरानी पैकिंग की खाद को भी नए रेट में बेचा जा रहा है। वैसे जब खाद महंगी नहीं हुई थी उसके पहले ही सरकार ने एक लाख टन डीएपी और 10 हजार टन एनपीके की खरीदी कर ली थी। जिससे करीब 150 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। लेकिन फिर भी सरकार ने एक नए फार्मूले से खाद बेचा था किसानों को आधी खाद पुराने और आधी खाद के लिए नए दाम चुकाने पड़े थे। वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2100 रुपए प्रति बोरी में खाद मिल रही है। ऐसे में आरोपी सस्ती खाद का झांसा देकर नकली खाद किसानों को पकड़ाने की फिराक में थे।