शिवराज सरकार ने दिया मुआवजा, किसान ने खरीदा ट्रैक्टर
Crop Insurance: किसानों को मिली राहत पर व्यंग्य, मिला 3 रुपए का भारी-भरकम मुआवजा, बैंक से इतने सारे पैसे लाने के लिए पड़ी ट्रॉली की जरूरत

भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने प्रदेश के किसानों के बैंक खातों में फसल बीमा योजना की राशि डाल दी है। फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों को मिले मुआवजे की राशि किसानों के लिए राहत कम और शासन-प्रशासन का मजाक ज्यादा साबित हुआ है। फसल बीमा राशि को लेकर सोशल मीडिया पर मध्यप्रदेश के एक किसान की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है जो सरकारी दावों पर एक जोरदार तमाचा है।
वायरल हो रही इस तस्वीर को शेयर कर लोग एक किसान को बधाई दे रहे हैं क्योंकि उसने शिवराज सरकार द्वारा दी गई बीमा राशि से एक ट्रैक्टर खरीद लिया है। दरअसल, यह ट्रैक्टर वैसा ट्रैक्टर नहीं है जिसे आपने खेतों में चलते देखा होगा। बल्कि यह ट्रैक्टर एक खिलौना है, जिसे किसान ने अपने मुआवजे की राशि से खरीदा है। लोग कह रहे हैं कि जाहिर सी बात है जितनी भारी-भरकम मुआवजे की राशि उतना ही बड़ा ट्रैक्टर।
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मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के दौरान कैबिनेट मंत्री रहे सुरेंद्र सिंह बघेल ने भी इस तस्वीर को ट्वीट किया है। बघेल ने इसके साथ लिखा है, 'शिवराज सरकार द्वारा दी गई बीमा राशि से खुश होकर एक किसान ने नया ट्रेक्टर खरीदा। दहाई और सैकड़ा के अंकों में बीमा राशि खातो में डालकर मोदी सरकार और शिवराज सरकार ने किसानों का मजाक उड़ाया है। देश का किसान जवाब जरूर देगा।'
शिवराज सरकार के द्वारा दी गई बीमा राशि से खुश होकर
एक किसान ने नया ट्रेक्टर खरीदा। दहाई और सैकड़ा के अंकों में बीमा राशि खातो में डालकर मोदी सरकार और शिवराज सरकार ने किसानों का मजाक उड़ाया है।
देश का किसान जवाब जरूर देगा।@narendramodi @OfficeofSSC @INCMP @IYCMadhya @BJP4MP pic.twitter.com/xsl19ZIXed
— Surendra Singh Baghel (@surendrasbaghel) September 19, 2020
बैंक से क्लेम की राशि लाने के लिए ट्रॉली की जरूरत
इस तस्वीर के बारे में एक ट्वीटर यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा है कि बैंक से मुआवजे की राशि लाने के लिए किसानों को ट्रैक्टर की ट्रॉली की आवश्यकता पड़ रही है। रहमत ने ट्वीट किया, 'कुछ किसानों को तो 3 रुपये का भारी भरकम फसल बीमा क्लेम मिला है। इतनी ज्यादा राशि को बैंक से घर लाने के लिए किसानों को इस ट्रैक्टर ट्राली की जरूरत पड़ेगी। बहुत हुआ किसानों पर अत्याचार। अब है पहले वाले अच्छे दिन की दरकार।'