Crop Insurance: एमपी में फसल बीमा के नाम पर मिले 90 रुपए

Farmers Distress: फसल बीमा के नाम पर किसानों से छलावा, प्रदेश के लगभग 60 प्रतिशत किसानों को उनके प्रीमियम से भी कम बीमा राशि का भुगतान

Updated: Sep 20, 2020, 08:38 AM IST

भोपाल। हरदा जिले के खिरकिया गांव के किसान चंपालाल ने सोयाबीन की फसल बोई थी, उन्हे 90 रुपए की दावा राशि मिली है। वहीं खिरकिया गांव के सूरज नारायन महोचा को उनकी सोयाबीन की फसल के बीमे की राशि के रूप में 102 रुपए का भुगतान किया गया है। टिमरनी तहसील के निमाचा खुर्द के किसान श्रीकृष्ण गुर्जर को 145 रुपए की बीमा राशि मिली है। वहीं गोदरी गांव की शांताबाई राजपूत को 157 रुपए की दावा राशि का भुगतान किया है।

यह किसानों के साथ हुए उस छलावे की बानगी है जिसे एमपी की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने फसल बिगड़ने के बाद राहत देने के नाम पर किया है। बीते दिनों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीमा फसल योजना की राशि किसानों के खाते में डाली है। इसके तहत मध्य प्रदेश के 22 लाख किसानों को फसल बीमा की राशि का भुगतान किया गया है। सरकार ने किसानों के खाते में 4688 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान की बात कही है।  

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प्रदेश के किसानों को काफी वक्त से इस बीमा राशि का इतंजार था। लेकिन पैसे आते ही किसानों के होश उड़ गए। प्रदेश के सैकड़ों किसानों के खातें में दो औऱ तीन अंकों में भी पैसा आया है। प्रदेश के कई जिलों में किसानों को उनकी प्रिमियम के बराबर भी बीमा राशि नहीं मिली है।

50 से 60 प्रतिशत किसानों को प्रीमियम राशि से भी कम का बीमा भुगतान

किसान नेता केदार शंकर सिरोही का दावा है कि मध्य प्रदेश के लगभग 60 प्रतिशत किसानों को उनके प्रीमियम से भी कम बीमा राशि का भुगतान किया गया है। किसानों ने अपनी फसल के बीमे के लिए जितना प्रीमियम जमा किया, उससे कम राशि उनके खातों में जमा की गई है। प्रदेश के हरदा, देवास, खंडवा, बडवानी के सैकड़ों किसानों को 11 रुपए, 9 रुपए यहां तक की 3 रुपए भी खाते में जमा हुई है। कई जिलों में किसानों को 100 रुपए से भी कम राशि मिली है। गौरतलब है कि फसल बीमा का प्रीमियम केंद्र, राज्य और किसान द्वारा जमा किया जाता है। तीनों द्वारा कुल जमा प्रीमियम राशि से कम की बीमा राशि मिली है।

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दैनिक समाचार पत्र पत्रिका में छपी खबर के अनुसार खंडवा जिले के कई गांव में किसानों को 11 रुपए, 14 रुपए और 33 रुपए तक का बीमा राशि का भुगतान किया गया है। खंडवा जिले के सैयदपुर गांव निवासी किसान कन्हैया पटेल को उनकी सोयाबीन की फसल बीमा के 11 रुपए मिले हैं। सिर्रा गांव के गजानन पटेल को सोयाबीन फसल के बीमे के 14 रुपए, फकीर नामक किसान को 14 रुपए, छैगांवदेवी गांव के किसान हसराज पटेल को 18 रुपए, बायफल की किसान जानकी बाई को 23 रुपए का भुगतान किया गया है।

सिर्रा गांव की रेखा पटेल को 25 रुपए, सुरेश 36 रुपए, गेंदालाल पटेल 39 रुपए, सैयदपुर के किसान कन्हैया पटेल को 42 रुपए, पंधाना के किसान शकील मंसूरी को 54 रुपए, सिर्रा गांव की अर्पणा अग्रवाल को 79 रुपए फसल बीमा राशि का भुगतान किया गया है।

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किसानों को आस थी कि पिछले साल की खरीफ की बीमा राशि से उनका कुछ नुकसान पूरा हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किसान ने जितना बीमा प्रीमियम भरा था उससे भी कम बीमा राशि का भुगतान किया गया है। कम बीमा राशि मिलने से दुखी किसानों ने शिवराज सरकार पर छलावा करने का आरोप लगाया है। किसानों का आरोप है कि अधिकारियों, बीमा कंपनी की मिली भगत से उनका बीमा क्लेम खत्म कर दिया गया।

 गौरतलब है कि सैकड़ों किसानों को सिर्फ तीन अंकों 100 रुपए से लेकर 999 रुपए तक बीमा राशि का भुगतान मिला है। वहीं कई किसानों को दहाई अंकों में बीमा राशि का भुगतान हुआ है। किसानों का आरोप है कि सरकार ने बीमा क्लेम में भेदभाव किया है। जितना पैसा किसानों का क्लेम में कटा है, उतना भी नहीं दिया गया है। भारतीय किसान संघ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं।