MP Rain Shortfal: सोयाबीन पर ट्रैक्टर चला रहे किसान

Monsoon in Madhya Pradesh: प्रदेश के 13 जिलों में सामान्य से कम बारिश, अन्य जिलों में भी बारिश की खेंच से फसल हो रही चौपट

Updated: Aug 08, 2020, 03:21 AM IST

भोपाल। बारिश की खेंच से सोयाबीन की फसल मुरझाने लगी है और खेतों में भी बड़ी-बड़ी दरारें भी पड़ गई। उज्जैन क्षेत्र में किसान अपनी खड़ी सोयाबीन फसल को ट्रैक्टर चला कर खत्म कर रहे हैं। वे इस फसल को हटा कर दोबारा सोयाबीन बोने की तैयारी कर रहे हैं। 

इस साल जून में हुई बारिश के बाद कई किसानों ने अपने-अपने खेतों में सोयाबीन, उड़द, मूंग और धान की फसल की बोवनी कर दी थी लेकिन किसानों के द्वारा खेतों में की गई बोवनी के बाद से ही बारिश नहीं हुई थी। बारिश न होने से कई किसानों की सोयाबीन, उड़द, मूंग की फसल पीली पड़ने लगी थी। फसलों में इल्ली और कचरे की बीमारी लगना शुरू हो गई थी। बारिश नहीं होने पर किसान सोयाबीन की अफलान फसल को नष्ट करने में समझदारी मान रहे हैं। उनका कहना है कि यदि बारिश का अच्छा दौर शुरू होगा तो नई सोयाबीन फसल से कमाई हो जाएगी अन्यथा बर्बादी तय है। ग़ौरतलब है कि क्षेत्र में पिछले साल भी फसल पूरी तरह खराब हुई थी। प्रशासन ने फसल  सर्वे भी कराया गया था तथा मगर किसानों ने कम मुआवजा मिलने की शिकायत की है। इस बार भी प्रशासन से फसल सर्वे की माँग की गई मगर अब तक कोई सर्वे नहीं हुआ तो किसानों ने फसल खत्म करने का रास्ता अपनाया। 

उज्जैन संभाग में कम बारिश के कारण कई किसान दूसरी बोवनी की तैयारी में जुट गए हैं। ग्राम निपानिया धाकड़ के किसान सुरेश पटीदार के अनुसार आसपास क्षेत्र में पूरे जुलाई माह ठीक से बारिश नहीं हुई। इस समय फसल में फूल आ जाने चाहिए मगर फूल की जगह फसल बांझ दिख रही है। क्षेत्र के किसानों का मानना है कि बारिश की लंबी खेंच से फसल प्रभावित हुई।

जिलों में किसानों की सुन नहीं रहे अफ़सर  

भारतीय किसान यूनियन के अनिल यादव ने बताया की अफलान की समस्या को लेकर कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से शिकायत की गई है मगर अब तक किसी ने ध्यान हाई नहीं दिया है। सरकार ने अब तक फसल बीमा की स्थिति तय नहीं की है जबकि फसल बीमा का पैसा काटा गया है। सरकार किसानों को ले कर बातें तो कर रही है मगर जिलों में अफ़सर किसानों की सुन नहीं रहे हैं। कोरोना के कारण किसानों को पहले ही बहुत समस्याएँ हैं अब फसल का बिगाड़ना वे झेल नहीं पाएँगे। 

13 जिलों में कम बारिश 

मध्यप्रदेश के 13 जिलों में इस साल जुलाई महीने तक सामान्य से कम बारिश हुई है। इस कारण किसानों के सामने खेतों में लगी फसलों को बचाने की चुनौती पैदा हो गयी है। बारिश न होने से खरीफ की फसल सूखने के कगार पर हैं। बालाघाट, छतरपुर, दमोह, जबलपुर, कटनी, सागर, टीकमगढ़, अलीराजपुर, भिंड, ग्वालियर, मंदसौर, श्योपुर और शिवपुरी जिलों में आधी फसल खराब होने की सूचना है। जहां सामान्य बारिश हुई है अन जिलों में भी बारिश की खेंच के कारण फसल बिगड़ रही है। प्रदेश में अन्य इलाक़ों के किसानों को उम्मीद है कि अगस्त के महीने में अच्छी बारिश होगी, जिससे फसल संभल जाएगी।