मंदसौर कृषि उपज मंडी में लागत से भी कम मिल रहा था भाव, दुखी किसान ने फेंका एक ट्रॉली लहसुन
मध्य प्रदेश के लहसुन किसानों को फायदा तो दूर लागत मूल्य का भी संकट, रेट नहीं बढ़ने दे रहे हैं व्यापारी, मंदसौर में किसान ने पानी में पर फेंक दिया 20 क्विंटल लहसुन

मंदसौर। मध्य प्रदेश के धार, मंदसौर, उज्जैन व अन्य जिलों में इस बार लहसुन की बंपर पैदावार हुई है। हालांकि, अच्छी उपज होने के बावजूद किसानों की परेशानियां खत्म नहीं हो रही है। दरअसल, मंडी में लहसुन का रेट लागत मूल्य से भी कम मिल रहा है। इसी बात से दुखी मंदसौर के एक किसान ने एक ट्रॉली लहसुन पानी में फेंक दिया।
जानकारी के मुताबिक जिले के बालागुढ़ा गांव निवासी किसान नंदकिशोर पाटीदार ने अपनी 24 बोरी लहसुन को गांव के निकट खदान में बहा दिया। पाटीदार ने बताया कि उसने 4 बीघा में लहसुन बोई थी। जिसका खर्च करीब 1 लाख रुपए आया था। किसान जब लहसुन को मंडी लेकर गया तो भाव इतने कम थे की बेच नहीं पाया।
मंदसौर में #लहसुन के भाव नहीं मिलने से परेशान किसान ने ट्राली भरकर फैंक रहे हैं। pic.twitter.com/VwLAoTrXki
— Kisan Swaraj Sangathan (@KisanSwaraj_) September 25, 2022
इसी बात से दुखी होकर आदर्श ग्राम बालागुड़ा के किसान नंदकिशोर पाटीदार ने शनिवार दोपहर एक ट्राली लहसुन खदान में फेंक दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इन दिनों जिले की कृषि मंडियों में लहसुन के भाव 200 रुपए से 500रुपए तक मिल रहा है। जबकि इससे ज्यादा लागत तो किसानों को लहसुन को मंडी तक पहुंचाने में लग रही है।
आश्चर्य की बात यह है कि प्रदेशभर में बाजार में लहसुन का रेट 50 रुपए किलो है। लेकिन जब बात किसानों की आती है तो उन्हें 5 रुपए किलो ही दिया जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि व्यापारी रेट बढ़ने ही नहीं दे रहे हैं। सभी जिलों के व्यापारियों का आपस में गठजोड़ है और वे किसानों की मजबूरी का भरपूर फायदा उठा रहे हैं। पिछले महीने ही लहसुन किसानों द्वारा उपज को आग लगाने की भी घटना सामने आ चुकी है, लेकिन शासन के स्तर पर भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रहा है।