Quality check of eggs: ऐसे चेक करें अंडे की ताजगी
आधा ग्लास पानी में अंडा डालें, अगर अंडा ग्लास की सतह पर होरिजेंटल बैठ जाए तो है ताजा, नहीं तो है खराब, फूड प्वायजनिंग का हो सकता है खतरा

कहा जाता है संडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे। हर मौसम में अंडा प्रोटीन के अच्छा सोर्स माना जाता है। लेकिन कई बार उसका सही फायदा नहीं मिल पाता। अंडा खाने के बाद तबीयत बिगड़ने लगती है, इसका एक कारण अंडे की क्वॉलिटी भी हो सकती है। अगर अंडा ताजा नहीं है तो वह हमारी सेहत को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। कई बार अस्पताल पहुंचने तक की नौबत आ जाती है।
ऐसे में जरूरी है कि अंडा ताजा खरीदा जाए। कई बार ऐसा होता है कि आप मार्केट से दर्जन भर अंडे खरीदकर लाए और वे कुछ ही दिन में खराब होने लगते हैं। बाहर ही नहीं फ्रिज में रखे अंडे भी खराब हो जाते हैं। ऐसे में खराब अंडों की पहचान करना जरूरी है।
कैसे चेक करें अंडे की फ्रेशनेश
अंडे में मौजूद एयर पॉकेट की मदद से आप अंडे की फ्रेशनेस जांच सकते हैं। क्योंकि खराब अंडा सेहत को फायदा पहुंचाने की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। अंडे की क्वालिटी चेक करने के लिए एक चौड़े मुंह वाले कांच के ग्लास में आधा पानी भरें, ताकि उसमें अंडा डालने पर पानी बाहर न छलके। अब अंडे को पानी से भरे ग्लास में डाल दें। अगर अंडा होरिजेंटल होकर नीचे बैठ जाए तो वह बिल्कुल ताजा अंडा है। लेकिन अगर अंडा होरिजेंटल होते हुए भी सहत से हल्का उठा हुआ है, तो इसका मतलब है कि वह थोड़ा पुराना हो चुका है। लेकिन अगर अंडा पानी के ऊपर आकर सतह पर तैरता दिखाई दे तो वह पूरी तरह खराब हो चुका है। अंडे के क्वालिटी चेक करने की प्रोसेस को सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय,fssai द्वारा MyGovIndia के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है।
Watch this video to know how you can check the quality of the egg you are consuming at home. #PoshanMaah2020 #Local4Poshan @MinistryWCD @fssaiindia @smritiirani @DebasreeBJP @POSHAN_Official @PMOIndia @PIB_India @MIB_India pic.twitter.com/aLFNzJNPnL
— MyGovIndia (@mygovindia) September 25, 2020
अगर आप खराब अंडे का सेवन करते हैं तो कई तरह की बीमारियां होने की आशंका हो सकती है, जिससे स्वास्थ्य को फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। हमेशा अंडा खरीदते वक्त उनकी क्वॉलिटी चेक करना जरूरी है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, खराब अंडा खाने से साल्मोनेला संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। साल्मोनेला एक तरह का बैक्टीरिया होता है, जिसकी वजह से फूड प्वायजनिंग की आशंका रहती है।
साल्मोनेला बैक्टिरिया के संक्रमण से उल्टी और डायरिया की शिकायत हो सकती है। फूड प्वायज़निंग से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ग्लूकोज़ चढ़ाकर और एंटी-बायोटिक दवा के उपयोग से संक्रमण खत्म किया जाता है। साल्मोनेला बैक्टिरिया इंसान की आंतों को प्रभावित करता है। यह अंडे, बीफ, चिकन और फल-सब्जियों के साथ-साथ मनुष्यों की आंतों में भी पाया जाता है।