ऑस्ट्रेलिया में चूहों का आतंक, खेतों को किया बर्बाद, अब घर में लगा रहे आग, भारत भेजेगा जहर
चूहों के आतंक के आगे असहाय हुई ऑस्ट्रेलिया सरकार, भारत से मदद की गुहार, चूहों के खिलाफ लड़ाई में भारत भेजेगा 5 हजार लीटर जहर

सिडनी। कोरोना महामारी के बीच ऑस्ट्रेलिया एक और संकट से जूझ रहा है। पिछले एक महीने ऑस्ट्रेलिया में चूहों ने आतंक मचा रखा है। खेतों को बर्बाद करने से लेकर घरों में आग लगाने तक चूहों ने ऑस्ट्रेलिया में जमकर तबाही मचाया है। चूहों ने वहां सरकार के भी नाकों दम कर रखा है। संकट के इस घड़ी में ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भारत से मदद की गुहार लगाई है।
ऑस्ट्रेलिया में चूहों के खिलाफ जारी इस जंग में भारत अपना हथियार भेजेगा। ऑस्ट्रेलिया को भारत 5 हजार लीटर जहर मुहैया कराएगा। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इन चूहों से निपटने के लिए भारत से प्रतिबंधित जहर ब्रोमैडिओलोन के 5,000 लीटर यानी 1 हजार 320 गैलन का आर्डर दिया है।
बताया जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया में इन चूहों ने अबतक लाखों रुपयों तक के अनाज बर्बाद कर दिया है। खेतों को बर्बाद करने के बाद अब चूहों ने सड़कों, घरों, अस्पतालों और संस्थानों में उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। न्यू साउथ वेल्स 1राज्य में लाखों की तादाद में चूहे घरों में घुस आये हैं और लोगों को काट रहे हैं। हालात यहां तक खराब हो चुके हैं कि चूहे बिस्तर में घुसकर सोते हुए लोगों को भी काट रहे हैं। छोटे बच्चों को चैन से रहना चूहों ने मुहाल कर दिया है।
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इतना ही नहीं इन चूहों ने आगजनी भी शुरू कर दी है। बिजली लाइनों को काटने की वजह से ऑस्ट्रेलिया में जहां तहां आग लगने की घटनाएं सामने आ रही है। एक परिवार ने अपने घर के जलने के लिए चूहों को जिम्मेदार ठहरा दिया क्योंकि चूहों के बिजली के तार चबाने से आग लग गई थी और सबकुछ जलकर राख हो गया। अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी चूहों ने नहीं छोड़ा है। बताया जा रहा है कि अस्पतालों और स्कूलों में भी चूहों ने जमकर उत्पात मचाया है।
न्यू साउथ वेल्स की स्थानीय मीडिया के अनुसार चूहे सर्वत्र हैं। वे खेतों, घरों, छत, फर्नीचर, वॉटर टैंक, स्कूल, अस्पताल से लेकर निजी और सार्वजनिक वाहनों में भी हैं। यात्रियों को भी चूहों ने नाकों दम कर रखा है। लोग चूहों के मल-मूत्र और सड़ने की बदबू से भी खासे परेशान हैं और इससे बीमारियां भी फैलने लगी है।
इस अभूतपूर्व संकट को लेकर कृषि मंत्री एडम मार्शल ने कहा की, 'हम अब एक क्रिटिकल पॉइंट पर हैं, यदि हम वसंत तक चूहों की संख्या को कम नहीं करते हैं, तो हमें ग्रामीण और क्षेत्रीय न्यू साउथ वेल्स में व्यापक आर्थिक और सामाजिक संकट का सामना करना पड सकता है। ऑस्ट्रेलिया के किसान पहले से सूखे की मार से परेशान हैं और अब चूहों ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया है।