स्वास्थ्य विभाग ने आदेश में सेक्स वर्कर्स को रखा हाई रिस्क ग्रुप में, विवाद बढ़ने पर कहा, टाइपिंग में हुई थी गलती

आदेश में सेक्स वर्कर्स को भी हाई रिस्क ग्रुप में शामिल किया गया था, जिसमें इनके जल्द से जल्द टीकाकरण की बात कही गई थी, आदेश के सार्वजनिक होने के बाद विवाद बढ़ा और विभाग ने नया आदेश जारी कर सेक्स वर्कर्स की जगह सैलून वर्कर्स लिख दिया

Updated: May 31, 2021, 04:57 AM IST

Photo Courtesy: Business Today
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भोपाल। रविवार को लोक कल्याण एवं स्वास्थ्य विभाग का एक आदेश शिवराज सरकार की किरकिरी का कारण बन गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अपने एक आदेश में सेक्स वर्कर्स को हाई रिस्क ग्रुप यानी उच्च जोखिम समूह में डाल दिया था। स्वास्थ्य विभाग का आदेश सार्वजनिक होने पर विवाद बढ़ गया और हर जगह शिवराज सरकार की आलोचना होने लगी। विवाद बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अपना आदेश बदल दिया और कहा कि पुराने आदेश में टाइपिंग में गलती के चलते सेक्स वर्कर्स लिखा आ गया था। 

दरअसल रविवार को लोक कल्याण एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया। इस दिशानिर्देश में कलेक्टरों से कहा गया कि वे अपने कार्यक्षेत्र में उच्च जोखिम समूह में आने वाले वर्ग का जल्द से जल्द टीकाकरण किया जाना सुनिश्चित करें। आदेश में कहा गया था कि इसके लिए ऑनलाइन साइट रजिस्ट्रेशन सत्र भी आयोजित किए जाने चाहिए। हाई रिस्क ग्रुप में सब्ज़ी विक्रेता, दूध वाले, हाथ ठेला वाले, होटल मॉल में काम करने वाला स्टाफ, शिक्षकों और केमिस्ट को शामिल किया गया। 

यहां तक तो ठीक था लेकिन आदेश में सेक्स वर्कर्स को भी हाई रिस्क समूह में रखा गया था। आदेश के सार्वजनिक होने के बाद बवाल मच गया। सोशल मीडिया पर भी लोग शिवराज सरकार का मखौल उड़ाने लगे। विवाद को बढ़ता देख विभाग ने एक नया आदेश जारी किया। जिसमें सेक्स वर्कर्स की जगह सैलून वर्कर्स कर दिया गया। विभाग ने कहा कि टाइपिंग में गलती के चलते सेक्स वर्कर्स टाइप हो गया था।