Joe Biden : राष्ट्रपति बना तो हटा दूंगा H1B वीजा से प्रतिबंध
H1B वीजा कार्यक्रम के तहत लाखों भारतीय अमेरिकी आईटी कंपनियों में हर साल पाते हैं Job

आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा कि अगर वे नवंबर में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतते हैं, तो वे भारतीय आईटी कामगारों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय एच-1 बी वीजा पर लागू अस्थाई निलंबन को खत्म कर देंगे। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने 23 जून को भारतीय आईटी कामगारों को बड़ा झटका देते हुए एच-1 बी वीजा और अन्य विदेशी कार्य वीजा को 2020 के आखिर तक के लिए निलंबित कर दिया था। ट्रंप ‘अमेरिका फर्स्ट’ की राजनीति करते हैं और अमेरिकी लोगों की बेरोजगारी की वजह बाहर से आए लोगों द्वारा अमेरिका में नौकरी करने को मानते हैं। ट्रंप का मानना है कि वीजा पर प्रतिबंध लगाकर वे अमेरिकी कामगारों की हितों की रक्षा कर रहे हैं।
एक चुनावी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाइडेन ने कहा, “इस वीजा पर आए हुए लोगों ने इस देश को बनाया है। मेरे प्रशासन में ऐसा कोई वीजा बैन नहीं रहेगा। मेरे प्रशासन में भारत, चीन और दक्षिण-पूर्वी एशिया के सपने देखने वाले लाखों लोगों को मायूस नहीं होना पड़ेगा।”
बाइडेन ने ट्रंप की प्रवासी नीतियों को क्रूर और अमानवीय बताया। उन्होंने यह भी कहा कि वे मुसलमानों के ऊपर लगे यात्रा प्रतिबंध को भी खत्म कर देंगे और यह कदम अमेरिका के मूल्यों और ऐतिहासिक नेतृत्व के परिपेक्ष्य में होगा।
बाइडेन के इस बयान की खबर को साझा करते हुए कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि इस वीजा कार्यक्रम से अमेरिका को बहुत फायदा हुआ है और इसका निलंबन रद्द होना चाहिए।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “अमेरिका को उसके एच-1 बी वीजा कार्यक्रम के जरिए भारत से बड़े पैमाने पर प्रतिभाओं को स्वीकारने से बहुत लाभ हुआ है। इस वीजा के निलंबन का लाखों भारतीय नागरिकों और कंपनियों पर असर होगा। इस निलंबन को निरस्त किया जाना चाहिए।”
America has benefited enormously by embracing India’s vast talent pool through its H-1B program.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 2, 2020
Its suspension will impact millions of Indians and US firms.
It should be revoked.https://t.co/JoHufgTaDe
एच-1 बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषता के उन उपक्रमों में विदेश से कामगारों पर नौकरी पर रखने की अनुमति देता है, जिनमें सैद्धांतिक और तकनीकि विशेषज्ञता की जरूरत होती है। इस वीजा कार्यक्रम के तहत अमेरिकी आईटी कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से लाखों कामागारों को नौकरी पर रखती हैं।