इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारतीय जज ने की रूस के खिलाफ वोटिंग

ICJ में भारत के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी ने भी रूस के खिलाफ अपना मतदान किया है, न्यायमूर्ति भंडारी को सरकार और विभिन्न मिशनों के समर्थन पर समय-समय पर इंटरनेशनल कोर्ट में नामित किया गया था

Updated: Mar 17, 2022, 04:28 AM IST

Photo Courtesy: Bar and Bench
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जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत 'इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस' ने बुधवार को रूस को यूक्रेन पर तत्काल हमला बंद करने का आदेश दिया है। ICJ ने कहा है कि यूक्रेन में रूस के बल प्रयोग को लेकर कोर्ट 'बेहद चिंतित' है। ICJ में भारत के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी ने भी रूस के खिलाफ अपना मतदान किया है। हालांकि रूस-यूक्रेन मुद्दे पर उनका ये स्वतंत्र कदम अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आधिकारिक स्थिति से अलग है।

ICJ में मामले की सुनवाई के दौरान पीठासीन न्यायाधीश जोन डोनोग्यू ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय और आईसीजे को बताया कि उन्होंने निर्णय लिया है कि 24 फरवरी को शुरू किए गए सैन्य ऑपरेशन को रूस तुरंत खत्म करे। न्यायमूर्ति डोनोग्यू ने हेग में हुई सुनवाई में कहा, 'अदालत रूसी संघ द्वारा बल के प्रयोग के बारे में गहराई से चिंतित है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून में बहुत गंभीर मुद्दों को उठाता है।'

बता दें कि 24 फरवरी को रूस द्वारा किए गए यूक्रेन में हमले के कुछ दिनों बाद कीव ने मास्को को संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में घसीटा था। लेकिन रूस इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को भी नहीं मानता हूं। ICJ में भारत के न्यायमूर्ति भंडारी को सरकार और विभिन्न मिशनों के समर्थन पर समय-समय पर आईसीजे में नामित किया गया था।

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अपना स्टैंड क्लियर करते हुए यूक्रेन-रूस मुद्दे पर मतदान से परहेज किया और इसके बजाय दोनों पक्षों से बातचीत पर ध्यान केंद्रित करने और शत्रुता समाप्त करने का आह्वान किया था। बता दें कि रूस ने 7 और 8 मार्च को ICJ की सुनवाई को एक लिखित फाइलिंग में यह तर्क देते हुए खारिज कर दिया कि कोर्ट के पास अधिकार क्षेत्र नहीं था, क्योंकि कीव का अनुरोध 1948 के नरसंहार सम्मेलन के दायरे से बाहर हो गया है, जिस पर यह उनका मामला आधारित था।

बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिया है। बुधवार को ICJ में जब सुनवाई हो रही थी तब तक यूक्रेन से छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या 30 लाख से ऊपर हो गई। चूंकि, रूसी सेना ने कीव में आवासीय भवनों पर हमले तेज कर दिए हैं। यूक्रेन ने कहा कि वह चाहता है कि उसकी सुरक्षा की गारंटी अंतरराष्ट्रीय बलों द्वारा दी जाए।