इमरान खान यहूदी एजेंट, उसे सरेआम दी जाए फांसी, पाकिस्तान की संसद में उठी मांग

नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद खान ने इमरान खान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दिए जाने की मांग की है। उधर इमरान खान की रिहाई के खिलाफ पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया है।

Updated: May 15, 2023, 07:44 PM IST

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट और शहबाज सरकार के बीच तना तनी बढ़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद इमरान विरोधी राजनीतिक दल एकजुट हो गए हैं और सुप्रीम कोर्ट पर हमले तेज कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के बाहर सत्ताधारी दलों का प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। इसी बीच पाक संसद में इमरान खान को फांसी दिए जाने की मांग भी उठाई गई है।

नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद खान ने इमरान खान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यहूदियों के एजेंट को सार्वजनिक तौर पर फांसी दे देनी चाहिए। लेकिन इसके बजाए कोर्ट उनका ऐसे स्वागत कर रही है, जैसे वह उनके दामाद हों।

इसके साथ ही नेशनल असेंबली ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति उमर अता बंदियाल के खिलाफ संदर्भ दायर करने के लिए समिति के गठन को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है। इस मामले में संसद में निंदा प्रस्ताव लाया जा सकता है। उधर, सत्तारूढ़ गठबंधन के दलों की ओर से इमरान का समर्थन करने पर न्यायपालिका के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है।

यह भी पढ़ें: मुझे 10 साल जेल में रखना चाहती है पाकिस्तान आर्मी, इमरान खान का बड़ा दावा

इमरान की रिहाई के खिलाफ PDM ने सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं उग्र भीड़ ने वहां अपना कैंप लगा लिया है। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) कई पार्टियों से मिलकर बना संगठन है। इसमें सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUIF) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) सहित कई पार्टियां शामिल हैं।

इस पूरे मामले पर इमरान खान ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के बाहर किए जा रहे जेयूआई-एफ के नाटक का एकमात्र उद्देश्य पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को डराना है, ताकि वह संविधान के अनुसार फैसला न करें। बता दें कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जो चार दिनों तक जारी रहे। इन प्रदर्शनों में कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों सैन्य एवं सरकारी संस्थानों के परिसरों को नुकसान पहुंचा। पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे। हालांकि, सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद इमरान खान को रिहा कर दिया गया है।