India Nepal Dispute: तनाव के बीच भारत-नेपाल की उच्चस्तरीय बैठक

इस बैठक में होगी द्विपक्षीय प्रोजेक्ट्स की समीक्षा, सीमा से लेकर राम और गौतम बुद्ध तक चल रहा है विवाद

Updated: Aug 18, 2020, 04:45 AM IST

Pic: Swaraj Express
Pic: Swaraj Express

नई दिल्ली। भारत और नेपाल के बीच जारी सीमा तनाव के बीच दोनों देश उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। इस बैठक में द्विपक्षीय प्रोजेक्ट का जायजा लिया जाएगा। सीमा विवाद के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक होगी। 2016 से ही दोनों देश द्विपक्षीय प्रोजेक्ट का इसी तरह से जायजा ले रहे हैं। भारत की तरफ से इस बैठक की अध्यक्षता विनय मोहन क्वातरा और नेपाल की तरफ से देश के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी करेंगे। इस बैठक को सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।

दरअसल, 2016 में समझौते के तहत द्विपक्षीय प्रोजेक्ट की समीक्षा के लिए दोनों देशों ने एक मेकनिज्म बनाया था। तब से लेकर पिछले साल जुलाई में इस मेकनिज्म की सात बैठकें हो चुकी हैं। यह मेकनिज्म सीमा पार रेल लिंक, पेट्रोलियम पाइपलाइन, रोड, पुल, बॉर्डर पोस्ट्स, ऊर्जा, सिंचाई और भूकंप के बाद पुनर्निमाण जैसे प्रोजेक्ट की समीक्षा करता है।

दोनों देशों के बीच पिछले साल तब सीमा तनाव शुरू हुआ था, जब भारत द्वारा जारी किए गए लद्दाख के नए नक्शे में शामिल कालापानी क्षेत्र पर नेपाल ने आपत्ति दर्ज कराई थी। नेपाल कालापानी क्षेत्र को अपना हिस्सा मानता है। यह विवाद तब और बढ़ गया, जब इस साल मई में तिब्बत से सटे लिपुलेख तक भारत ने एक नई सड़क बना दी। लिपुलेख को भी नेपाल अपना हिस्सा मानता है।

जून में नेपाल की संसद ने एक नया नक्शा पास किया। इसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया। ये सभी क्षेत्र अभी भारत के नियंत्रण में हैं। भारत ने नेपाल के इस नए नक्शे पर कड़ा आपत्ति दर्ज कराई। हाल ही में दोनों देश राम और गौतम बुद्ध को लेकर भी उलझ गए।