India vs China: BSNL में चीनी उपकरणों पर रोक लगेगी

Data Security : सरकार ने निजी कंपनियों को भी chinese firms के उपकरणों पर निर्भरता कम करने का निर्देश दिया

Publish: Jun 18, 2020, 09:32 PM IST

Photo courtesy : medium
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सीमा पर तनाव के बाद भारत सरकार ने चीनी संचार उपकरणों पर रोक लगाने का फैसला लिया है। सभी मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स को चीनी उपकरण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने बीएसएनएल को 4G के क्रियान्वयन के लिए किसी भी तरह के चीनी उपकरण को इस्तेमाल करने से मना किया है। सरकारी कंपनियों से यह भी कहा गया है कि वे नए सिरे से शर्तें बदलकर टेंडर जारी करे ताकि चीनी कंपनियां टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा न ले पाए।

राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से चीनी उपकरण संदिग्‍ध माने जाते हैं। डाटा चोरी को देखते हुए संचार विभाग ने चीनी उपकरणों के 4G के क्रियान्वयन में उपयोग हो रहे उपकरणों पर रोक लगाई है। बताया जा रहा है कि सरकार ने निजी कंपनियों को भी चीनी फर्म्स द्वारा बनाए गए उपकरणों पर निर्भरता कम करने के निर्देश दिए है। बता दें कि भारती एयरटेल और वोडाफोन आईडिया जैसी टेलीकॉम कंपनियां हुआई नेटवर्क के साथ काम कर रही हैं वहीं बीएसएनएल ZTE नेटवर्क के साथ काम करती है जो कि चीनी कंपनियां हैं।

हुआई और जेटी दो चीनी कंपनियों को लेकर खास तौर पर दुनियाभर में डाटा चोरी और सुरक्षा से जुड़े मामलों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इन दोनों कंपनियों के मालिकाना हक पर भी शंका के बादल मंडराते रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि इन दोनों कंपनियों के पीछे चीनी सरकार खुद है। इसलिए केंद्र सरकार ने निर्देश जारी कर सरकारी कंपनियों को नए सिरे से शर्तें बदलकर टेंडर जारी करने को कहा है। इससे चीनी कंपनियां टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

केंद्र सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव काफी बढ़ गयी है। यह पिछले 50 वर्षों बाद हुआ जब सीमा पर दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई है जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं।

गौरतलब है कि चीनी कंपनियों द्वारा निर्मित नेटवर्क उपकरणों को विश्वभर में हमेशा शक की निगाहों से देखा जाता रहा है। वर्ष 2012 में अमेरिका की एक कमेटी ने चीनी कंपनियों द्वारा निर्मित टेलीकॉम नेटवर्कों से साइबर खतरा होने का अंदेशा जताते हुए अमरीकी कंपनियों को हुआई और जेटी जैसे वेंडर्स के साथ बिज़नेस न करने का सुझाव दिया था। हालांकि चीनी कंपनियों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था। इसके 2 साल बाद यह कहा गया था कि टेलीकॉम निर्माता कंपनी हुआवेई ने कथित रूप से बीएसएनएल के नेटवर्क को हैक कर लिया है।