Manish Sisodia : दिल्ली में 31 जुलाई तक कोरोना के 5.5 लाख केस

Coronavirus update: भारत में 24 घंटे में 9987 मामले, दिल्ली में 1000 से ज्यादा केस

Publish: Jun 10, 2020, 06:33 AM IST

courtesy : jobvacancy.in
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दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या हर 24 घंटे में दोगुनी की रफ्तार से बढ़ रही है। इसी के मद्देनजर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया से हुई बातचीत के दौरान लोगों को चेताया। उनका कहना है कि आने वाले समय में दिल्ली की तस्वीर और भयानक होने की आशंका है।

31 जुलाई तक दिल्ली में 5.5 लाख केस होंगे

मनीष सिसोदिया ने कहा कि 15 जून तक दिल्ली में 44000 मामले होंगे और 6600 बेड की ज़रूरत पड़ेगी। जबकि 30 जून तक दिल्ली में 1 लाख मामले हो जाएंगे, 15,000 बेड की जरूरत होगी। 15 जुलाई तक 2.25 लाख मामले हो जाएंगे, फिर 33,000 बेड की जरूरत होगी और 31 जुलाई तक 5.5 लाख केस हो जाएंगे, तब तक 80,000 बेड की जरूरत होगी।
वहीं दिल्ली सरकार ने यह भी स्वीकार किया कि दिल्ली में कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड हालात हैं जिन पर अगर काबू नहीं पाया गया तो यह आने वाले दिनों में और भी खराब स्थिति पैदा कर सकते हैं। इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा मामले ऐसे हैं जिनके सोर्स का पता नहीं चल पा रहा है। यानी ये ऐसे मामले हैं जिनमें मरीज को या तो कोई लक्षण नहीं है या फिर ना के बराबर हैं।
मनीष सिसोदिया के साथ उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री अनिल बैजल भी मौजूद थे। 
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि केंद्र के अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं हैं दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि 'सोमवार को एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की बात कही लेकिन केंद्र सरकार इसे आधिकारिक तौर पर नहीं मान रही है। केंद्र सरकार मानेगी तभी इसे आधिकारिक माना जाएगा।' 
देश की राजधानी समेत पूरे भारत में लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना के मामलों में तेज़ा से बढ़ोत्तरी हुई है। लगभग एक हफ्ते से हर दिन 9000 से ज्यादा कोविड पॉजिटिव केसेज आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के मामले में भारत इस समय दुनिया का ६ठा सबसे प्रभावित देश बन चुका है। आशंका है कि एक दिन में सबसे ज्यादा मामलों के साथ भारत कुछ और ऊपर आ जाएगा। 

क्या कोरना रोकने में Lockdown विफल रहा

देश में मुश्किल ये है कि आज भी मरीज़ों को आसानी से टेस्ट कराने की सुविधा नहीं है। सोशल मीडिया पर लगातार खबरें आ रही हैं कि इलाज के अभाव में दिल्ली के अस्पतालों के बाहर लोग दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि लगभग ढ़ाई महीने का लॉकडाउन क्या बेअसर रहा...क्या यह सरकार की विफलता है कि आज लॉकडाउन के 75 दिन गुजर जाने और अनुभव का एक लंबा अरसा हो जाने के बावजूद कोरोना का टेस्ट और इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं हो सकी है। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच प्राइवेट अस्पतालों में इलाज को लेकर ठनी हुई है।