Corona: रिलीफ फंड में धोखाधड़ी के आरोप में भारतीय-अमेरिकी गिरफ्तार

Corona Relief Scam: लोन के लिए झूठा आवेदन कर 55 लाख डॉलर की धोखाधड़ी का आरोप

Updated: Jul 27, 2020, 02:20 AM IST

Pic: Forbes India
Pic: Forbes India

नई दिल्ली। अमेरिका में कोरोना वायरस राहत कार्यक्रम के तहत 55 लाख अमेरिकी डॉलर की कथित धोखाधड़ी के लिए भारतीय-अमेरिकी तकनीकी कार्यकारी को गिरफ्तार किया गया है। सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक अमेरिकी वकील ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि मोहन (48) ने अपनी छह नकली कंपनियों के लिये पेयचैक प्रोटेक्शन प्रोग्राम (पीपीपी) आवेदनों के समर्थन में जाली और दोषपूर्ण दस्तावेज जमा कराए और इसके बाद उसने अपने निजी लाभ के लिये कुछ पैसा अपने रॉबिनहुड ब्रोक्रेज अकाउंट में स्थानांतरित किया।

सिएटल टाइम्स की खबर के अनुसार फेडरल पीपीपी ऋण का उद्देश्य कोरोना वायरस महामारी के दौरान श्रमिकों की मदद करना है। अधिकारियों ने शिकायत में आरोप लगाया कि मोहन ने धोखाधड़ी से कर्ज लेने के लिए अपने आवेदनों के समर्थन में संबंधित व्यवसाय संचालन और कंपनियों के वेतन के खर्च के बारे में कई झूठे और भ्रामक बयान दिए।

अधिकारियों ने बताया कि मोहन ने अपने आवेदन में यह झूठ बोला कि 2019 में उसकी कंपनी मंहेजो में दर्जनों कर्मचारी थे और उसने उनके वेतन और कर के तौर पर लाखों डॉलर का भुगतान किया। मोहन अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट का पूर्व कार्यकारी रह चुका है उसके ऊपर धोखाधड़ी के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है।