जेल में बंद ईरानी एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार, 31 साल की मिली है सजा

नरगिस मोहम्मदी को ईरान में कुल 13 बार गिरफ्तार किया गया है, पांच बार दोषी ठहराया गया और कुल 31 साल जेल तथा 154 कोड़े की सजा सुनाई गई।

Updated: Oct 06, 2023, 07:41 PM IST

ओस्लो। ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई के लिए नोबेल शांति पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है। नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिला नरगिस मोहम्मदी इस वक्त भी जेल में ही हैं। उन्हें 31 साल की सजा मिली है।

नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने घोषणा करते हुए लिखा, 'ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई और सभी के लिए मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की उनकी लड़ाई के लिए नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने नरगिस मोहम्मदी को 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार देने का फैसला किया है।'

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10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि पर ओस्लो में 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन (लगभग 1 मिलियन डॉलर) का पुरस्कार दिया जाएगा। अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी 1895 की वसीयत में इन पुरस्कारों की घोषणा की थी।

नरगिस का जन्म कुर्दिस्तान ईरान के जंजन शहर में 21 अप्रैल 1972 में हुआ था। नोबेल प्राइज की वेबसाइट के मुताबिक, नरगिस मोहम्मदी ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर (DHRC) की उपाध्यक्ष हैं। ईरान में महिलाओं की आजादी और उनके हक के लिए आवाज उठाने वाली नरगिस मोहम्मदी को बहादुरी भरे संघर्ष के लिए भारी व्यक्तिगत कीमत चुकानी पड़ी है।

नरगिस को अब तक ईरान में 13 बार गिरफ्तार किया जा चुका है, फिलहाल वह जेल में बंद हैं। उन्हें पांच बार दोषी ठहराया जा चुका है और उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई है। पढ़ाई पूरी करने के बाद नरगिस मोहम्‍मदी ने इंजीनियर के तौर पर काम किया। इसके साथ साथ वह कॉलमनिस्ट भी रहीं। उन्होंने कई अखबारों के लिए लिखने का काम किया। 1990 के दशक से ही नरगिस महिलाओं के हक के लिए आवाज उठा रही थीं।

नरगिस ने एक किताब भी लिखी है, जिसका नाम व्हाइट टॉर्चर है। उनकी किताब 'व्हाइट टॉर्चर: इंटरव्यूज़ विद ईरानी वूमेन प्रिज़नर्स' ने अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और मानवाधिकार फोरम में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के लिए एक पुरस्कार भी जीता। मोहम्मदी नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिला हैं और 2003 में शिरीन एबादी के बाद यह पुरस्कार जीतने वाली दूसरी ईरानी महिला हैं। बता दें कि 122 साल के इतिहास में यह पांचवीं बार है , जब शांति पुरस्कार किसी ऐसे व्यक्ति को दिया गया है जो जेल में है या फिर घर में नजरबंद है।

ईरान ने उनको सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। नरगिस कई वर्षों अपने परिवार के सदस्यों और बच्चों से नहीं मिली हैं। नरगिस मोहम्मदी के पति तागी भी एक पॉलिटिकल एक्टिविस्ट हैं। जिन्हें ईरान की सरकार ने 14 साल जेल की सजा दी थी। बताते चलें कि नरगिस मोहम्मदी ईरान में मृत्यु दंड को खत्म करने और कैदियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए वकील और पैरोकार भी रही हैं।