KP Sharma Oli: नेपाल के प्रधानमंत्री ने देश के नए नक्शे पर लिया यू टर्न, विवादों में घिरे

विरोधियों ने दशहरे पर छपे ग्रीटिंग कार्ड्स में नेपाल का पुराना नक्शा इस्तेमाल करने का लगाया आरोप, नए नक्शे में भारत के कई इलाकों को नेपाल में दिखाया गया था

Updated: Oct 25, 2020, 10:07 PM IST

Photo Courtesy: BRN
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काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मी ओली एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला दशहरे पर उनकी तरफ से बांटे गए ग्रीटिंग कार्ड्स से जुड़ा है। इन ग्रीटिंग कार्ड्स में राष्ट्रीय चिह्न और ओली की फोटो के साथ नेपाल का पुराना नक्शा छापा गया है। इससे पहले ओली उस नए नक्शे को लेकर आक्रामक रहे हैं, जिसमें भारत के कुछ हिस्सों को नेपाल में दिखाया गया है। अब नेपाल के विपक्षी दल इस मसले को लेकर ओली पर यू टर्न लेने का आरोप लगा रहे हैं। 

दरअसल, इस साल गर्मियों में भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने अपना नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था। इस नक्शे में कालापानी, लिपुलेख और लिपियाधुरा जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था। भारत ने इस मुद्दे पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। नेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के एक धड़े ने भी ओली का विरोध किया था। तब पार्टी विभाजित होने की कगार पर आ गई थी। हालांकि, डेढ़ महीने पहले ओली ने उन स्कूली किताबों को वापस लेने का आदेश दिया था, जिनमें नेपाल का नया नक्शा छापा गया था। फिलहाल नेपाल और भारत द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। 

ग्रीटिंग कार्ड्स को लेकर पैदा हुए इस नए विवाद को लेकर केपी शर्मा ओली के प्रेस सलाहकार सूर्या थापा ने कहा कि छापा गया मानचित्र नया ही है लेकिन जगह कम होने की वजह से इसमें नए इलाके दिख नहीं रहे हैं। इससे पहले इसी सप्ताह ओली ने रॉ के प्रमुख समंत कुमार गोयल से मुलाकात की थी। जिसके बाद एक बार फिर से उनकी ही पार्टी के नेताओं ने ओली पर सबको भरोसे में नहीं लेने का आरोप लगाया था। अगले महीने भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे नेपाल का दौरा करने वाले हैं। 

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इससे पहले भी ओली अपने बयानों को लेकर विवादों में घिर चुके हैं। कुछ महीने पहले उन्होंने कहा था कि राम का असली जन्मस्थान नेपाल में है ना कि अयोध्या में। इसी तरह उन्होंने यह भी कहा था कि बुद्ध को भारतीय नहीं कहना चाहिए क्योंकि वे नेपाल के लुंबिनी में पैदा हुए थे।