लगातार छठे दिन महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल
शुक्रवार को पेट्रोल की कीमत 57 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल की कीमत 59 पैसे प्रति लीटर बढ़ाई गई है।

Lockdown 5.0 में आवागमन बंद होने से पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री का घाटा उठा चुकी केंद्र सरका ने unlock 1 होते ही पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने शुरू कर दिए है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसारशुक्रवार को पेट्रोल की कीमत 57 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल की कीमत 59 पैसे प्रति लीटर बढ़ाई गई है। इस वृद्धि के साथ ही बीते छह दिनों में पेट्रोल के दाम में 3.31 रुपए और डीजल के दाम में 3.42 रुपए की वृद्धि हुई है।
पिछले दो महीनों में पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी के बाद एक लीटर ईधन पर केंद्र और राज्यों को टैक्स के रूप में 275 फीसदी से अधिक शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। जबकि फरवरी में यह 107 फीसदी थी। डीजल के लिए केंद्र और राज्य मिलकर 255 फीसदी से अधिक का भुगतान करते हैं। पेट्रोल का बेस प्राइज 18 रुपये और डीजल का बेस प्राइस 18.50 रुपये प्रति लीटर है। मगर पंप पर पेट्रोल-डीजल 70 रुपये से अधिक में बिकते हैं।
Petrol price hiked by 57 paise per litre, diesel by 59 paise; cost of petrol up by Rs 3.31 in six days, diesel by Rs 3.42
— Press Trust of India (@PTI_News) June 12, 2020
पेट्रोल-डीजल पर दुनिया भर से ज्यादा टैक्स
पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 33 रुपये लीटर है, जबकि डीजल पर यह 32 रुपये प्रति लीटर है। पेट्रोल और डीजल पर 16 रुपये से अधिक वैट लगाया जाता है। साथ में, दोनों कर 49 रुपये से अधिक हैं, जबकि पेट्रोल की पंप कीमत औसत 72 लीटर है। इस प्रकार दोनों टैक्स पेट्रोल और डीजल के पंप मूल्य का लगभग 69 फीसदी हैं। जोकि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है। जबकि अमेरिका टैक्स का 19 फीसदी जापान 47 फीसदी, ब्रिटेन 62 फीसदी और फ्रांस 63 फीसदी शुल्क लेता है।
कच्चे तेल के दाम गिरे फिर भी जनता को लाभ नहीं
दुनिया भर में कोरोना महामारी के कारण कच्चे तेल को दाम काफी गिरे हैं। ये निगेटिव तक हो गए हैं मगर भारत में कच्चे तेल के दाम गिरने पर पेट्रोल-डीजल की कीमत कम नहीं की जाती जबकि कच्चे तेल की कीमत बढ़ने पर दाम में बढ़ोतरी कर दी जाती है। ब्रोकरेज केयर रेटिंग के अनुसार भारत में सरकार उपभोक्ताओं को कच्चे तेल की कीमतों का पूर्ण लाभ कभी नहीं देती। 12 अप्रैल को वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 20 डॉलर की गिरावट दर्ज की गई तो भारत ने एक लीटर पेट्रोल के लिए 70 रुपये से अधिक का भुगतान किया।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कम कीमतों का फायदा उठाते हुए सरकार ने दोनों ईंधन पर उत्पाद शुल्क में 13 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी कर दी। उत्पाद शुल्क बढ़ने के बाद लगभग दो सप्ताह तक, तेल विपणन कंपनियों ने उपभोक्ताओं से शुल्क नहीं लिया।
तेल कंपनियां और सरकार फायदा उठा रही हैं
इसके बाद से विपक्ष ने सरकार के इस रवैये पर सवाल उठाना शुरू कर दिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम का कहना है कि तेल कंपनियां और सरकार बढ़ी हुई कीमतों का फायदा उठा रही हैं जबकि जनता को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।