अमेरिकी लोकतंत्र पर ट्रंप समर्थकों के हमले की दुनिया भर में निंदा
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा ब्रिटेन, फ़्रांस, कनाडा, जर्मनी समेत कई देशों के नेताओं और संयुक्त राष्ट्र और NATO जैसे संगठनों ने भी अमेरिका की घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर की है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई प्रमुख देशों के नेताओं ने अमेरिकी संसद पर डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों के हमले की निंदा की है। इन नेताओं ने अमेरिका में सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण पर ज़ोर देते हुए वहाँ के हालात पर चिंता और दुख का इज़हार किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा है, “वॉशिंगटन डीसी में दंगे और हिंसा की ख़बरें देखकर दुख हो रहा है। सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया व्यवस्थित और शांतिपूर्ण तरीक़े से जारी रहनी चाहिए। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अवैध प्रदर्शनों के ज़रिए प्रभावित करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।”
Distressed to see news about rioting and violence in Washington DC. Orderly and peaceful transfer of power must continue. The democratic process cannot be allowed to be subverted through unlawful protests.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 7, 2021
अमेरिकी लोकतंत्र पर हमला शर्मनाक: ब्रिटेन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि अमेरिकी संसद में जो कुछ हुआ वो शर्मनाक है। अमेरिका को दुनिया भर में लोकतंत्र के समर्थक के तौर पर देखा जाता है और वहाँ सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को शांतिपूर्ण तरीक़े से पूरा करना ज़रूरी है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा कि अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण की क़ानून प्रक्रिया में रुकावट पैदा करने की इन हिंसक कोशिशों को किसी भी रूप में जायज़ नहीं ठहराया जा सकता।
ये वो अमेरिका नहीं जिसे दुनिया जानती है : यूरोपीय यूनियन
यूरोपीय यूनियन के विदेश नीति विभाग के प्रमुख जोसेप बोरेल ने वॉशिंगटन में हुई घटनाओं को अमेरिकी लोकतंत्र पर बड़ा हमला बताया है। बोरेल ने कहा है कि वॉशिंगटन में जो कुछ हुआ वो अमेरिकी लोकतंत्र, संवैधानिक संस्थाओं और क़ानून के राज पर हमला है। यह वो अमेरिका नहीं है जिसे दुनिया जानती है। अमेरिकी चुनाव के नतीजों का पूरा सम्मान होना चाहिए।
वॉशिंगटन में जो हुआ वो अमेरिकी तरीका नहीं: फ्रांस
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुए मैक्रों ने कहा कि वॉशिंगटन में जो कुछ हुआ वो अमेरिकी तौर-तरीका नहीं है। हम लोकतंत्र पर सवाल खड़े करने वाले की कुछ लोगों की हिंसा के आगे हथियार नहीं डालेंगे। फ़्रांस के विदेश मंत्री ने अमेरिका की घटनाओं को लोकतंत्र पर गंभीर हमला बताया है।
भड़काऊ भाषा आखिरकार हिंसा में तब्दील हो जाती है : जर्मनी
जर्मनी के विदेश मंत्री हेइको मास ने ट्रंप समर्थकों से अपील की है कि वे लोकतंत्र को कुचलने वाली हरकतें बंद करें। उन्होंने कहा कि ट्रंप और उनके समर्थकों को अमेरिकी जनता के फ़ैसले को स्वीकार करना चाहिए। ट्रंप के भाषण की तरफ़ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि भड़काऊ भाषा आख़िरकार हिंसा में तब्दील हो जाती है।
अमेरिकी लोकतंत्र पर हमले से कनाडा की जनता भी दुखी: ट्रूडो
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी अमेरिकी संसद पर हमले को लोकतंत्र पर हमला कराते देते हुए कहा कि हमारे सबसे करीबी सहयोगी और पड़ोसी देश में लोकतंत्र पर हमले से कनाडा के लोग बेहद दुखी और परेशान हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भी अमेरिका में हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की अपील की है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका की महान लोकतांत्रिक परंपरा को जारी रखने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है।
संयुक्त राष्ट्र, NATO की चुनावी नतीजों का सम्मान करने की अपील
न्यूज़ीलैंड, नीदरलैंड्स समेत कई और देशों ने भी अमेरिका की घटनाओं पर इसी तरह की प्रतिक्रियाएँ ज़ाहिर की हैं। इनके अलावा और संयुक्त राष्ट्र और नैटो (NATO) जैसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी अमेरिका में लोकतंत्र की परंपरा का सम्मान करते हुए चुनावी नतीजों का सम्मान करने और सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की अपील की है।