Belarus Protests: बेलारूस में राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी, 1 लाख लोग सड़क पर उतरे

प्रदर्शनकारियों को पीछे हटाने के लिए पुलिस ने किया वाटर कैनन का इस्तेमाल। चुनावी गड़बड़ियों को लेकर देश में डेढ़ महीने से जारी है विरोध प्रदर्शन।

Updated: Oct 06, 2020, 12:31 AM IST

Photo Courtesy: Aljazeera
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मिंस्क। बेलारूस में राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं। देश की राजधानी मिंस्क में 4 अक्टूबर को करीब एक लाख प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पीछे हटाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में कथित गड़बड़ियों को लेकर देश में पिछले डेढ़ महीने से विरोध प्रदर्शन जारी हैं। 95 लाख की आबादी वाले इस देश में हर रोज करीब दो लाख प्रदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर से एलेक्जेंडर लुकाशेंको को विजेता घोषित किया गया। लुकाशेंको 1994 से देश की सत्ता पर काबिज हैं। 

पिछले डेढ़ महीने से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में अब तक हजारों प्रदर्शनाकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रदर्शनकारियों ने ना केवल राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की बल्कि प्रदर्शनकारियों को भी रिहा करने के लिए कहा। प्रदर्शनकारियों को पीछे हटाने के पुलिस के प्रयासों के बाद भी वे अपनी जगह और अपनी मांगो पर डटे रहे। 

दरअसल, 9 अगस्त को बेलारूस में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आए थे। इनमें एलेक्जेंडर लुकाशेंको को 80 प्रतिशत मत के साथ विजेता घोषित किया गया था। जबकि उनकी प्रतिद्वंदी और लोकप्रिय उम्मीदवार स्वेतलाना शिखानौस्काया को केवल 10 फीसदी मत मिले। इन परिणामों के तुरंत बाद शिखानौस्काया ने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया और परिणाम स्वीकार करने से मना कर दिया। इसके बाद से ही देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। बेलारूस के प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों पर खूब ज्यादिती की। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आलोचना होने के बाद प्रशासन की हिंसा में कमी आई है। 

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हालांकि, सरकार ने प्रदर्शनकारियों और विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करना जारी रखा। विपक्ष के कई नेताओं को देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। कई प्रदर्शनकारियों पर सरकार ने गंभीर धाराएं भी लगा दी हैं। दूसरी तरफ पश्चिमी देश के नेता लुकाशेंको को गद्दी छोड़ने के लिए कह चुके हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का है। दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, लुकाशेंको की मदद कर रहे ैहैं। इसके एवज में उन्होंने बेलारूस को रूस में मिला लेने की भी योजना बना ली है।