Thailand Protests: थाईलैंड में राजशाही के खिलाफ चरम पर पहुंचा विरोध, छात्रों ने संभाली कमान

देश के राजा की शक्तियों और संपत्ति में कटौती की मांग कर रहे हैं प्रदर्शनकारी, 14 अक्टूबर को बुलाई है आम हड़ताल

Updated: Sep 21, 2020, 05:11 AM IST

Photo Courtesy: Asia news
Photo Courtesy: Asia news

थाईलैंड में राजशाही के खिलाफ विरोध अब चरम पर पहुंच गया है। प्रदर्शनकारियों ने देश की राजधानी बैंकॉक स्थित ग्रैंड पैलेस के पास इकट्ठा होकर लोकतांत्रिक सुधारों के हक में अपनी आवाज बुलंद की। इन मांगों को देश के राजा महा वजीरालोंगकोर्न के विरोध में देखा जा रहा है। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने आम हड़ताल का आह्वान किया। 

थाईलैंड में शुरू हुआ लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन कई मायनों में अभूतपूर्व है। इससे पहले देश के राजपरिवार का विरोध कभी भी नहीं हुआ था। लेकिन पिछले कुछ महीनों में देश के छात्रों ने धीरे धीरे लोकतंत्र के समर्थन में आम लोगों को लामबंद किया। ये छात्र राजा की शक्ति और अकूत धन संपदा में कटौती की मांग कर रहे हैं। 

विरोध प्रदर्शन के एक नेता पारित चिवर्क ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान द गार्जियन से कहा कि इस पूरी प्रक्रिया का फायदा यह हुआ है कि अब हमारे जैसे आम लोग भी सत्ता के सामने अपनी मांगे रख सकते हैं। 

थाईलेंड में विरोध प्रदर्शन

चिवर्क ने लोगों से 14 अक्टूबर को आम हड़ताल करने की मांग की है। 14 अक्टूबर 1973 को देश में एक बड़ा छात्र विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था। चिवर्क ने आह्वान किया कि 14 अक्टूबर को आम लोग सियाम कमर्शियल बैंक से पैसा निकाल लें। इस बैंक में थाईलैंड के राजा सबसे बड़े शेयर होल्डर हैं। 

दरअसल, देश का एक कानून राजशाही की किसी भी प्रकार की आलोचना पर रोक लगाता है। इसके तहत आलोचना करने वाले को 15 साल कैद की सजा मिल सकती है। हालांकि, बताया जा रहा है कि देश के राजा ने इस कानून के तहत किसी पर भी कार्रवाई ना करने का आदेश दे रखा है।

हालांकि, अभी तक कई सारे प्रदर्शनकारियों को देशद्रोह और दूसरे कानूनों के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। इन कानूनों के तहत दोषी को सात साल कैद तक की सजा मिल सकती है। प्रदर्शनकारी सेना के शासन के समय लिखे गए संविधान में बदलाव की भी मांग कर रहे हैं।