भारत जोड़ो यात्रा के बाद दिग्विजय सिंह अब मिशन मध्य प्रदेश के लिए तैयार, प्रदेशभर में ताबड़तोड़ दौरे

17 फरवरी से दिग्विजय सिंह प्रदेश की सभी विधानसभा क्षेत्रों का सघन दौरा शुरू करने वाले हैं.. प्रथम चरण की शुरूआत वे भोपाल जिले के बैरसिया व गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के दौरे से करेंगे

Updated: Feb 15, 2023, 12:22 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के आखिरी महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राज्य की 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव से पहले प्रमुख राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हो गयी हैं। बीजेपी जनता को लुभाने के लिए प्रदेशभर में विकास यात्रा निकाल रही है तो कांग्रेस भी अपनी कमर कस रही है। इस बीच अपना सीट बेल्ट कसते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी मैदान में उतरने जा रहे हैं। दिग्विजय सिंह प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों के सघन दौरे की शुरूआत 17 फरवरी से करने जा रहे हैं। औपचारिक शुरूआत से पहले उन्होंने भोपाल के आसपास के इलाकों में दौरे करने शुरू कर दिए हैं। 

देश के दक्षिण से उत्तरी कोने यानी कन्याकुमारी से कश्मीर की साढ़े तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा की भारत जोड़ो यात्रा से लौटे दिग्विजय सिंह ने  बिना एक भी दिन गंवाए भोपाल आते ही कार्यकर्ताओं से मेल-मुलाकात के साथ ही चुनावी कार्यक्रम का आगाज कर दिया है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के सफल आयोजन के बाद दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश में चुनावी दौरों का जिम्मा सौंपा गया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव पूर्व दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश में पूरी तरह सक्रिय रहेंगे।

कांग्रेस की ओर से जारी नोट के मुताबिक 17 फरवरी को दिग्विजय सिंह प्रथम चरण की शुरूआत भोपाल के बैरसिया व गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्रों से करने जा रहे है। सुबह 11 बजे बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में भोपाल जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित प्रथम सत्र की बैठक में वे मंडलम व सेक्टर के कार्यकर्ताओं से वन टू वन बातचीत करेंगे।

बैठक के द्वितीय सत्र में वे बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक कांग्रेस, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, किसान कांग्रेस, एनएसयूआई एवं अन्य समस्त मोर्चा पदाधिकारी गणों व कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। शाम 3:30 बजे श्री सिंह गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में भोपाल शहर कांग्रेस कमिटी द्वारा आयोजित बैठक के प्रथम सत्र में मंडलम सेक्टर के कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे। इसी दिन शाम 5 बजे वे दूसरे सत्र में गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के समस्त मोर्चा संगठनों, विभागों व प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे। 

मध्य प्रदेश की राजनीति में सिंह की पूरी तरह सक्रियता की जानकारी सामने आते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह दोगुना हो गया है। दरअसल, दिग्विजय सिंह की कार्यकर्ताओं पर पकड़ और क्षेत्र में जीवंत संपर्क अन्य नेताओं की तुलना में काफी बेहतर है। वे भारत जोड़ो यात्रा से पूर्व महंगाई के विरुद्ध जनजागरण अभियान के तहत कई जिलों का दौरा भी कर चुके हैं। दिग्विजय सिंह का राज्य के सभी जिलों में कार्यकर्ताओं और समर्थकों का जबरदस्त नेटवर्क है। कांग्रेस पार्टी को एक ऐसे चेहरे की जरूरत थी जो जमीन पर एक्टिव होकर संगठन में नई जान फूंक सके। दिग्विजय सिंह की सक्रियता को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है।

इससे पहले कांग्रेस पार्टी में संकट मोचक की भूमिका निभाने वाले दिग्विजय सिंह पिछले 6 महीने से भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त थे। अपनी सफल यात्रा और जबरदस्त जनाधार का भरपूर उपयोग करने के वास्ते कांग्रेस ने अब दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारने का फैसला किया है। प्रदेश में  कांग्रेस के अनेक जमीनी कार्यकर्ता उनके दौरे से उत्साहित हैं और कांग्रेस में दोबारा जान लौटने की उम्मीद जता रहे हैं।

दिग्विजय के व्यूह रचना का कोई तोड़ नहीं

मध्य प्रदेश राजनीतिनामा के लेखक और वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी कहते है कि दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं की नब्ज को बहुत अच्छे से समझते है। पार्टी के लिए वह जो भी व्यूह रचना तैयार करते है, वह बहुत ही बेजोड़ होती है। जिसका फायदा हमेशा संगठन को मिलता रहा है। जमीनी पकड़ के मामले में दिग्विजय सिंह की कोई तुलना नहीं है। इसलिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के आयोजन समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी बखूबी निभाने के बाद अब दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश में कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की जिम्मेदारी गई है।

साल 2018 के चुनाव में दिग्विजय नर्मदा परिक्रमा यात्रा कर मध्यप्रदेश में कांग्रेस को सत्ता में वापसी करवा चुके हैं। नर्मदा परिक्रमा यात्रा के अलावा दिग्विजय सिंह ने एक और बड़ी भूमिका निभायी थी। उन्होंने चुनाव से ठीक पहले राज्य में एक समन्वय यात्रा निकाली, जिसका मुख्य उद्देश्य ही नाराज़ कांग्रेसियों को मनाना था। समन्वय यात्रा के तहत दिग्विजय सिंह ने आम कार्यकर्ताओं को जोड़कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में बड़ा रोल निभाया था। जिसका असर यह हुआ कि कांग्रेस कार्यकर्ता जो पहले बूथ तक जाने से लापरवाह रहता था वह मतदान केंद्रों तक डटा रहा और राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी हुई।

समन्वय यात्रा के दौरान दिग्विजय नाराज़ लोगों को एकसाथ बिठाकर खाना भी खाते थे, जिसे 'पंगत में संगत' का नाम दिया गया था। भोजन के दौरान दिग्विजय एक इलाक़े के दस टिकट दावेदारों को एक साथ बिठाकर वचन दिलाते थे कि टिकट भले ही किसी एक को मिले, लेकिन बाक़ी नौ उसकी मदद करेंगे। दिग्विजय सिंह की इन कोशिशों के चलते कांग्रेस पार्टी राज्य में क़रीब 12 से 15 सीटों पर भीतरघात से मुक्त रही थी और यही बाद में निर्णायक साबित हुआ।

बता दें कि पीसीसी चीफ कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की आपसी केमेस्ट्री बहुत अच्छी मानी जाती है। इस लिहाज़ से कांग्रेस हाईकमान को उम्मीद है कि दिग्विजय सिंह के अनुभव और उनके सांगठनिक क्षमता का पीसीसी चीफ कमलनाथ को मुश्किलों से निपटने में लाभ मिलेगा।