कोलकाता के बाद जबलपुर में जूनियर डॉक्टर्स के साथ छेड़छाड, पुलिस ने आरोपियों को नहीं किया गिरफ्तार
कोलकाता जूनियर डॉक्टर रेप और हत्या मामले के बाद देश में आक्रोश की लहर है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी बीच जबलपुर में भी डॉक्टरों से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है।
जबलपुर। कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ जो बर्बरता हुई, उसने पूरे देश को दहला कर रख दिया है। देशभर में डॉक्टर्स द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी बीच अब मध्य प्रदेश के जबलपुर से जूनियर डॉक्टरों के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। हैरानी की बात ये है कि पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार तक नहीं किया। मामला तूल पकड़ने के बाद अब पुलिस कार्रवाई की बात कह रही है।
मामला जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज का है। बताया जा रहा है कि दो महिला डॉक्टर बाहर से गर्ल्स हॉस्टल लौट रही थी। इसी दौरान एक कार में सवार होकर पांच बदमाशों ने महिला डॉक्टर को पीछे किया और पीछा करते-करते हुए मेडिकल केंपस के गर्ल्स हॉस्टल के पास तक पहुँच गए। कार सवार बदमाश मेडिकल कॉलेज अस्पताल के परिसर के अंदर आ गए जूनियर डॉक्टर के साथ बदसलूकी करने लगे।
इसी दौरान गार्ड ने हल्ला किया तो और अन्य जूनियर डॉक्टर वहां आ गए और उन्होंने कार सवार तीन बदमाशों को पकड़ लिया। इस दौरान भारी हंगामा हुआ। सूचना पाकर गढ़ा पुलिस भी मौके पर पहुंची और तीनों युवकों को कथित रूप से पुलिस थाने ले गई। लेकिन औपचारिक शिकायत नहीं मिलने के तीनों युवकों को थाने से छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि आरोपी रसूखदार परिवार से थे।
मामले पर मेडिकल कॉलेज के डीन नवनीत सक्सेना ने कहा कि इस घटना की जानकारी मिलने थी हमने तुरंत पुलिस से बातचीत की। उन्होंने कहा, 'मेडिकल कॉलेज की दो महिला डॉक्टर वापस हॉस्टल लौट रही थी इसी दौरान तीन युवक उनका पीछा करते हुए हॉस्टल तक पहुंच गए। जहां उन्हें महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ की। इस दौरान सुरक्षा गार्ड एवं अन्य लोगों की मदद से इन तीनों को पकड़ लिया गया और पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस संबंध में पुलिस को पत्र भी लिखा गया है।'
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर गढ़ा थाना प्रभारी नीलेश दोहरे का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के डीन द्वारा पत्र लिखा गया है जिसकी जांच की जा रही है। जल्द ही जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
कॉलेज में अध्यनरत महिला डॉक्टरों को कहना है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुरक्षा के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है। जूनियर गर्ल्स डॉक्टर सुरक्षित नहीं है। आए दिन आसामाजिक तत्व मेडिकल कॉलेज अस्पताल की परिसर में घुस आते हैं और इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं। कोलकाता में जो हुआ वह जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में भी हो सकता है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुरक्षा के चाक चौबंद व्यवस्थाएं की जानी चाहिए। हम सभी महिला डॉक्टरों ने इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री से मिलना चाहा लेकिन मुख्यमंत्री के पास हम लोगों से मिलने के लिए समय नहीं है।