अवैध रेत खनन का भंडाफोड़, सिंधिया के करीबी विधायक को जाता है वसूली का पैसा- पुलिस का दावा

चंबल में रेत के अवैध खनन मामले में फंसे सिंधिया के करीबी विधायक कमलेश जाटव, पुलिस का दावा- विधायक को जाता है वसूली का हिस्सा, जाटव बोले- पुलिस करवा रही है खनन

Updated: Jun 14, 2021, 10:51 AM IST

मुरैना। चंबल क्षेत्र में रेत माफियाओं का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। मुरैना रेत खनन मामले में अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी विधायक कमलेश जाटव का नाम सामने आया है। पुलिस ने दावा किया है कि रेत खनन से जो वसूली होती है उसका एक हिस्सा बीजेपी विधायक को भी दिया जाता है। अंबाह एसडीओपी के गनर ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि बीजेपी विधायक हफ्ता वसूली करते हैं।

दरअसल, मुरैना ज़िले में वन विभाग की टीम रविवार को रेत माफियाओं के ट्रैक्टर ट्रॉली का पीछा कर रही थी। इसी दौरान रेत माफियाओं ने ट्रैक्टर ट्रॉली को नगरा थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अमरापुरा गांव की तरफ मोड़ दिया। नगरा गांव में वन विभाग की टीम और रेत माफियाओं के बीच गोलीबारी हुई। इस दौरान शौच करने जा रहे ग्रामीण महावीर सिंह तोमर की गोली लगने से मौत हो गई। गोली लगने से गांव के व्यक्ति की मौत होने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा वन विभाग की टीम पर फूट पड़ा। गुस्साए ग्रामीणों ने गोली लगने से गांव के व्यक्ति की मौत होने के बाद चक्काजाम कर दिया। 

चक्काजाम की सूचना पर ग्रामीणों को समझाने अंबाह से बीजेपी विधायक कमलेश जाटव मौके पर पहुंचे। इस दौरान अंबाह एसडीओपी अशोक सिंह जादौन भी पहुंचे थे। यहां लोगों के बीच बीजेपी नेता ने पुलिस पर रेत खनन में संलिप्त होने का आरोप लगाया। जाटव ने कहा, 'एसडीओपी साहब! चंबल नदी से रेत का अवैध खनन पुलिस के संरक्षण में चल रहा है। आपके चार-चार थाना प्रभारी पैसे लेकर रेत की ट्रैक्टर-ट्रॉलियां निकलवा रहे हैं।'

विधायक के इन आरोपों के जवाब में एसडीओपी के गनर ने तपाक से कहा की आप भी तो हफ्ता वसूलते हो। एसडीओपी के गनर ने कहा, 'विधायक जी! रेत के अवैध उत्खनन से जो वसूली हो रही है उसमें से आपको भी तो हिस्सा पहुंच रहा है। आप भी तो हफ्ता वसूलते हो।' इतना सुनते ही विधायक गुस्से से लाल हो गए। हालांकि, स्थिति को भांपते हुए एसडीओपी ने कहा कि सरेआम आरोप लगाना आसान है। कोई भी किसी के ऊपर आरोप लगा सकता है।

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मामले पर कांग्रेस का दावा है कि सिंधिया के करीबी विधायक पुलिस के साथ गठजोड़ कर माफियाओं से वसूली करने में लिप्त हैं। यह वाकई हैरान करने वाली घटना है कि रेत का खनन रोकने की जिम्मेदारी जिस शासन और प्रशासन की है, उनके जिम्मेदार एक दूसरे पर आरोप मढ़ने में लगे हैं। बहरहाल, गोली लगने की घटना में वन विभाग के नौ कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।