MP में एक और पेशाब कांड, छतरपुर में थाना प्रभारी पर लगे पत्रकार के ऊपर पेशाब करने के आरोप

आरोप है कि ख़बर दिखाने से नाराज़ सिविल लाइन थाना प्रभारी कमलेश साहू ने पत्रकार मिंटू दुबे पर ना सिर्फ़ फर्जी FIR दर्ज़ की बल्कि लॉकअप में उनके सिर पर पेशाब किया और जान से मारने की धमकी भी दी।

Updated: Aug 20, 2023, 08:01 AM IST

छतरपुर। मध्य प्रदेश के सीधी में पेशाब कांड का मामला अभी थमा भी नहीं था कि अब छतरपुर से पेशाब कांड सामने आया है। इस बार इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना को अंजाम देने का आरोप पुलिस पर लगा है। आरोप है कि ख़बर दिखाने से नाराज़ छतरपुर सिविल लाइन थाना प्रभारी कमलेश साहू ने पत्रकार मिंटू दुबे के विरुद्ध न सिर्फ़ फर्जी FIR दर्ज़ की बल्कि लॉकअप में उनके सिर पर पेशाब किया और जान से मारने की धमकी भी दी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक 10 दिन पहले सिविल लाइन थाना पुलिस के द्वारा लूट का उद्भेदन कर दो युवकों को गिरफ्तार किया था। जिसमें साधना न्यूज से जुड़े पत्रकार मिंटू दुबे को भी आरोपी बनाया था। परंतु स्थानीय पत्रकारों और मिंटू दुबे के परिजनों का दावा है कि पुलिस के द्वारा द्वेष की भावना से पत्रकार मिंटू दुबे के ऊपर लूट का मुकदमा कायम किया गया है। 

पत्रकार मिंटू दुबे की बहन सुनीता तिवारी इस मामले में छतरपुर एसपी के पास पहुंची और बताया कि उनके भाई के साथ पुलिस के द्वारा दुव्यर्वहार किया गया है और थाने में उसके सिर के ऊपर पेशाब की गई है। आरोप है कि यह सब थाना प्रभारी कमलेश साहू के द्वारा किया गया। सुनीता तिवारी के साथ जिले के कई स्थानीय पत्रकार भी पुलिस अधीक्षक अमित सांघी के पास पहुंचे थे। उन्होंने भी इस घटना की निंदा करते हुए आरोपी थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

मामला सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने छतरपुर के नए सीएसपी रत्नेश तोमर को 48 घंटे के भीतर जांच के आदेश दिए हैं। उधर सिविल लाइन पुलिस द्वारा शिवम कुशवाहा नाम के एक युवक को भी द्वेष के कारण गिरफ्तार करने का मामला समाने आया है। इसके विरुद्ध स्थानीय लोगों ने पन्ना नाके पर चक्काजाम कर विरोध किया। जिले में पुलिस के द्वारा लगातार की जा रही द्वेषपूर्ण कार्रवाई से जन आक्रोश भडक़ रहा है। 

बता दें कि पिछले महीने ही सीधी ज़िले में सत्ताधारी दल से जुड़े प्रवेश शुक्ला द्वारा एक आदिवासी के सिर पर पेशाब करने की घटना सामने आई थी। इसका वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया था और डैमेज कंट्रोल के लिए सीएम शिवराज को पीड़ित आदिवासी के पैर धोने पड़े थे।बहरहाल, अब देखना होगा कि छतरपुर में पत्रकार के ऊपर पेशाब करने के मामले में क्या कार्रवाई की जाती है। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या सीएम चौहान पत्रकार को सीएम हाउस बुलाकर उनका पैर धोएंगे?