Jitu Patwari : Cabinet असंवैधानिक राज्यपाल से मिलेंगे

Congress : राज्यपाल को पत्र, 33 लोगों को मंत्री बनाना गैरकानूनी

Publish: Jul 08, 2020, 06:56 AM IST

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर संविधान का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा है कि शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार में संवैधानिक नियमों का पालन नहीं किया गया है। इसको लेकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही राज्यपाल से मुलाकात करेगा।

जीतू पटवारी ने कहा कि सिर्फ गद्दारों को संतुष्ट करने के लिए भाजपा की शिवराज सरकार किसी भी हद तक जाने को तैयार है। यही कारण है सत्ता के भूखे ये लोग भारतीय संविधान का मजाक बनाने से भी नहीं चूक रहे है और गैर कानूनी तरीके से सरकार संचालित कर रहे है। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी कोर्ट की शरण में जाने के लिए भी तैयार है।

इस संबंधमें पूर्व उप-नेता प्रतिपक्ष चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। चतुर्वेदी ने पत्र में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 (1ए) का पालन न करने की जो बात कही है। वह संविधान सम्मत सही है। जब भाजपा ने 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में 206 सदस्यों पर बहुमत साबित कर सरकार बनाई है तो फिर इसी संख्या के आधार पर मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रियों की संख्या क्यों निर्धारित नहीं की गई।

क्या है नियम ?

मंत्रिमंडल बनाने संबंधी नियम अनुच्छेद 164-1A के मुताबिक किसी भी सरकार में मंत्रियों की संख्या विधानसभा सदस्यों की कुल संख्या के 15 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती है। वहीं प्रदेश में फिलहाल कुल विधानसभा सदस्यों की संख्या 206 जिसका 15 फीसदी देखा जाए तो करीब 31 आता है। ऐसे में 31 से ज्यादा मंत्री नहीं रह सकते हैं। बता दें कि इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मंत्रिमंडल के गठन पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में मध्यप्रदेश का मंत्रिमंडल पहला ऐसा मंत्रिमंडल है, जिसमें कुल 33 मंत्रियों में से 14 वर्तमान में विधायक ही नहीं हैं। यह संवैधानिक व्यवस्थाओं के साथ बड़ा खिलवाड़ और प्रदेश की जनता के साथ मज़ाक है।

बीजेपी का अपना तर्क

बीजेपी का कहना है कि संविधान में विधानसभा की कुल सदस्य संख्या का उल्लेख है ना कि प्रभावी संख्या का’ जिसका अर्थ ये हुआ कि 230 सदस्यीय विधानसभा के हिसाब से 34 मंत्री बनाए जा सकते हैं।