अब मध्य प्रदेश पर ओवैसी की नज़र, नगर निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी

बिहार और प. बंगाल के बाद एमपी में भी पांव पसारना चाहती है असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM, विरोधियों के वोट काटकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने का लगता रहा है आरोप

Updated: Dec 25, 2020, 02:12 PM IST

Photo Courtsey : The Quint
Photo Courtsey : The Quint

भोपाल। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की नजर अब मध्य प्रदेश पर है। पार्टी अगले साल होने वाले नगर निकाय चुनावों में ताल ठोकने की तैयारी में है। मध्य प्रदेश के कई बड़े शहरों में एआईएमआईएम अपनी जमीन तलाश रही है। मूल रूप से हैदराबाद में आधार रखने वाली ओवैसी की पार्टी बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है। ओवैसी पर मुस्लिम वोटों में सेंध लगाकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने के आरोप लगते रहे हैं। मध्य प्रदेश में भी AIMIM के चुनाव लड़ने का सीधा लाभ बीजेपी को मिल सकता है।

AIMIM की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नईम अंसारी ने मीडिया को बताया कि, 'हम अगले स्थानीय निकाय चुनावों में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खंडवा, सागर, बुरहानपुर, खरगोन, रतलाम, जावरा, जबलपुर, बालाघाट, मंदसौर और कुछ अन्य स्थानों से मैदान में उतरने की संभावनाएं देख रहे हैं। अंसारी ने यह भी कहा कि AIMIM के प्रदेश प्रभारी और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के तीन बार के पार्षद सैयद मिन्हाजुद्दीन के मार्गदर्शन में इन इलाकों में पार्टी का अंदरूनी सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसके बाद ओवैसी सूबे में अगले स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर फैसला करेंगे।'

सर्वे के बाद रिपोर्ट हैदराबाद भेजी जाएगी, जिसके बाद पार्टी आलाकमान इस बात को तय करेगा कि मध्य प्रदेश के किन शहरों में ही निकाय चुनाव लड़ना है। इससे पहले AIMIM ने मध्य प्रदेश में कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा है। अगर निकाय चुनाव में AIMIM उम्मीदवार उतारती है तो इसे मध्य प्रदेश में उसकी चुनावी यात्रा का आगाज़ माना जाएगा। इसके पहले पार्टी बिहार में चुनाव लड़ चुकी है जहां उसे 5 सीटों पर सफलता भी हासिल हुई है। पश्चिम बंगाल चुनाव में भी ओवैसी की पार्टी ने मैदान में उतरने का ऐलान किया है।

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मध्य प्रदेश की सियासत पारंपरिक रूप से दो ध्रुवीय रही है और गुजरे बरसों में सत्ता की बागडोर भाजपा या कांग्रेस के हाथों में ही रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि AIMIM का यहां खाता खोलना आसान नहीं होगा। लेकिन ओवैसी ने अगर मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने का फैसला किया तो बीजेपी को जरूर फायदा होने की उम्मीद है। AIMIM पर लगातार यह आरोप लगते रहे हैं कि वो उन्हीं जगहों पर चुनाव लड़ती है, जहां बीजेपी को विरोधी वोटों के बंटवारे के लिए उसकी ज़रूरत होती है। विपक्ष के नेता कई बार ओवैसी की पार्टी को बीजेपी की 'बी टीम' बता चुके हैं। हालांकि ओवैसी इन आरोपों से हमेशा इनकार करते हैं।