Betul: न्यायाधीश और बेटे की फूड पॉइजनिंग से मौत

बैतूल ज़िला न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बड़े बेटे की फूड पॉयजनिंग से मौत, घर में ही खाया था खाना

Updated: Jul 27, 2020, 07:49 AM IST

बैतूल। बैतूल में पदस्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बड़े पुत्र की फूड पॉइजनिंग से मौत हो गई है। शनिवार को बैतूल के पढ़ार अस्पताल से नागपुर के एलेक्स अस्पताल ले जाते समय  पहले न्यायाधीश के 25 वर्षीय बेटे और फिर देर रात न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी ने दम तोड़ दिया। दोनों ने घर में ही खाना खाया था। न्यायाधीश और उनके बेटे की इस तरह संदिग्ध मौत ने कई सवालों को जन्म दे दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल जिला न्यायालय में पदस्थ एडीजे महेन्द्र कुमार त्रिपाठी बैतूल के कालापाठा स्थित निवास में अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहते थे। चार-पाँच दिन पहले रात को इन्होंने भोजन किया। घर में कुल 6 चपाती बनी थी। पिता और दोनों बेटों ने 2-2 खाई जबकि पत्नी ने सिर्फ चावल खाये। भोजन के बाद बाप-बेटों की हालत अचानक बिगड़ गई। 22 को दिन भर उल्टी-दस्त चलते रहे। पत्नी को चिकित्सा की जानकारी थी इसलिए दोनों का इलाज घर पर चलता रहा। 23 जुलाई की दोपहर न्यायाधीश की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर जिला अस्पताल में पदस्थ डा एके पांडे और डा आनंद मालवीय उन्हें देखने पहुंचे। दोनों ने न्यायाधीश को जिला अस्पताल में भर्ती करने की बात कही लेकिन न्यायाधीश त्रिपाठी ने एंबुलेंस बुलाकर पाढर अस्पताल जाने को कहा।

पाढर अस्पताल के रिकार्ड के अनुसार पिता और बड़ा बेटा 23 जुलाई को भर्ती हुए। जबकि छोटे बेटे की हालत ठीक हो गई थी। बताया जा रहा है कि उपचार के उपरांत दोनों की हालत में कुछ सुधार भी आया था। कल 25 जुलाई की सुबह भी जो लोग उनसे मिले तो उनकी दोनों से अच्छे से बात हुई थी और दोनों ने जल्द ही अस्पताल से छुट्टी की बात भी कही थी। लेकिन शनिवार की शाम दोनों की हालत बिगड़ी और दोनों को पाढर से नागपुर एलेक्स अस्पताल रेफर कर दिया गया।

 प्राप्त जानकारी के अनुसार नागपुर ले जाते समय 25 वर्षीय बड़े बेटे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया जबकि देर रात न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी ने भी दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है  कि गंज पुलिस ने न्यायाधीश के बयान ले लिए थे, जिसमें उन्होंने आटे की जांच की बात कही थी। फिलहाल पुलिस ने आटा जब्त कर घर सील कर दिया है।

मौत ने कई शंकाओं को जन्म दे दिया है !

बताया जा रहा है कि जिस आटे ने न्यायाधीश और उनके बेटे की जान ली है वो इंदौर से आया था। फूड पॉयजनिंग से मौत हो जाना किसी के भी गले नहीं उतर रहा है। हालांकि न्यायाधीश त्रिपाठी डायबिटीज और बीपी के मरीज थे लेकिन उनका बेटे को किसी भी तरह की बीमारी नहीं थी। ऐसे में सिर्फ फुड पॉइजनिंग से उनकी मौत किसी के गले नहीं उतर रही। मृत्यु से पहले दोनों करीब ढाई दिन पाढर अस्पताल में उपचाररत रहे। इतने लंबे समय में फुड पॉइजनिंग आमतौर पर कंट्रोल में आ जाती है। लेकिन इलाज के बाद भी स्थिति बिगड़ी और पाढर अस्पताल से जाने के कुछ घंटों के अंदर ही बाप-बेटे की मौत हो गई।

उधर दोनों शव का पोस्टमार्टम नागपुर में हो रहा है उसके बाद उनके पैतृक घर कटनी में अंतिम संस्कार होगा। न्यायाधीश के परिजन नागपुर पहुंच चुके हैं। मामला एक वरिष्ठ जज का होने की वजह से पुलिस भी पूर्ण सावधानी बरत कर जांच कर रही है। पूरे मध्यप्रदेश के न्यायालयीन क्षेत्रों में इस घटना से सनसनी मच गई है।