भोपाल: वल्लभ भवन में लगी आग पर चार घंटे बाद पाया गया काबू, कांग्रेस ने लगाए साजिश के आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि शासकीय दफ्तरों में आग लगने का अजीब सा क्रम चला हुआ है। भ्रष्टाचार के प्रकरणों को दबाने और समाप्त करने का एक ही तरीका है। न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी।

Updated: Mar 09, 2024, 04:33 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित वल्लभ भवन में लगी आग पर काबू पा लिया गया है। दमकल की 40 गाड़ियों ने चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बिल्डिंग में मंत्रालय के पांच कर्मचारी फंसे थे, जिनमें दो लोग झुलस गए हैं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया है।

सतपुड़ा भवन के बाद अब वल्लभ भवन में लगी आग को लेकर कांग्रेस ने साजिश के आरोप लगाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि शासकीय दफ्तरों में आग लगने का अजीब सा क्रम चला हुआ है। जांच होती है लेकिन जांच रिपोर्ट जनता के बीच नहीं आती है। आग लगी तो कौन सी फाइलें जली, क्या ये भ्रष्टाचार की फाइलें थी? ये जानकारी सामने नहीं आती है। मैं दस साल मुख्यमंत्री रहा और मेरे कार्यकाल में एक भी प्रकरण ऐसा नहीं हुआ। केवल भ्रष्टाचार के प्रकरणों को दबाने और समाप्त करने का एक ही तरीका है। न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी। कौन से फाइलें जली ये सरकार को बताना चाहिए।

वहीं, विरोध के तौर पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी व नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार घटनास्थल पर धरने पर भी बैठे। पटवारी ने कहा कि पांच बार लगातार वल्लभ भवन में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आग लगाई है इसका दोषी कौन है? कौन सी फाइल जली? कौन से विभाग की जली एवं आज तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

पटवारी ने कहा कि ये आग भारतीय जनता पार्टी की करप्शन, कर्ज और क्राइम की सरकार द्वारा लगाई गई सरकारी आग है, यह भ्रष्टाचार के पाप को छुपाने की आग है। वल्लभ भवन में लगी आग करप्शन, कर्ज़ और क्राइम में व्यस्त सरकार के कारनामों को मिटाने के लिए रचा गया षड्यंत्र है। हर चुनाव के पहले मंत्रालय में आग लगना और करोड़ों के भ्रष्टाचार के दस्तावेज ख़ाक होना संयोग नहीं प्रयोग है। 

वहीं, मप्र विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि आग वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच के झगड़े का परिणाम है। भाजपा का अंदरूनी झगडा वल्लभ भवन की आग के रूप में सामने आ रहा है, इससे जनता का ही नुकसान है, आखिर फायर सेफ्टी सिस्टम ऑडिट क्यों नही किया गया, इसका जवाब भाजपा क्यों नही देती।