युवती से दरिंदगी के मामले में TI सस्पेंड, SIT को सौंपी गई जाँच, कांग्रेस ने उठाया था मसला

भोपाल में युवती से दरिंदगी के मामले की जाँच में लापरवाही बरतने पर कोलार थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया सस्पेंड, CSP हबीबगंज भूपेंद्र सिंह को मिला जांच का जिम्मा

Updated: Feb 19, 2021, 12:42 PM IST

Photo Courtesy: Times of India
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भोपाल। राजधानी भोपाल में दरिंदगी की शिकार युवती के मामले में कांग्रेस नेताओं मुखर होने के बाद सरकार ने एक्शन लिया है। मामला बढ़ते देख सरकार ने कोलार थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही इस मामले की जांच SIT को सौंपने का आदेश भी दे दिया गया है। कांग्रेस ने हैवानियत भरी इस वारदात को लेकर मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे और पीड़ित युवती को इंसाफ दिलाए जाने की मांग भी की थी।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस वारदात को लेकर कड़ी टिप्पणियां की थीं। राहुल गांधी ने ट्विटर के जरिए बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी हमेशा पीड़िता को ही दुष्कर्म का ज़िम्मेदार बताती है। उन्होने कार्रवाई में ढिलाई बरतने और अपराधियों को फायदा पहुंचाने का आरोप भी लगाया था। साथ ही यह भी पूछा कि क्या मध्य प्रदेश सरकार के ‘बेटी बचाओ’ का सच यही है।

 

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इस वारदात को वीभत्स बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की थी औऱ दोषी को सख़्त से सख्त सजा दिलाए जाने की मांग की थी।

अब मामले के तूल पकड़ने के बाद सरकार ने इस मामले पर एक्शन लिया है। सरकार ने केस की जांच के लिए SIT का गठन किया है। वहीं कोलार थाना प्रभारी को सुधीर अरजरिया को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। CSP हबीबगंज भूपेंद्र सिंह को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। SIT में दो सब इंसपेक्टर और एक ASI शामिल हैं। कोलार थाने की सब इंस्पेक्टर श्वेता शर्मा को मुख्य विवेचना अधिकारी बनाया गया है। इस टीम में गौतम नगर थाने के सब इंपेक्टर सुरेश प्रताप सिंह चंदेल और शाहपुरा थाने के ASI उपेंद्र सिंह भी शामिल हैं। SIT मामले में बरती गई लापरवाही की जांच करेगी। DIG इरशाद वली ने कोलार थाना प्रभारी को लाइन हाजिर होने का आदेश दिया है। DIG की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस केस में थाना प्रभारी की ओर से गंभीर लापरवाही बरती गई है।

भोपाल के कोलार इलाके में दरिंदगी की शिकार पीड़िता का कहना था कि जिस दरिंदे ने उसके साथ न सिर्फ दुष्कर्म की कोशिश की, बल्कि उसे जान से मारने का प्रयास भी किया, उसके खिलाफ पुलिस ने बेहद हल्की धाराओं में केस दर्ज किया है। इतना ही नहीं, केस के सिलसिले में जिस शख्स को गिरफ्तार किया है, उसे बार-बार कहने के बावजूद पहचान के लिए उसके सामने पेश नहीं किया गया।

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भोपाल में युवती के साथ हैवानियत किए जाने के इस मामले की जांच कोलार थाने की पुलिस कर रही थी। पीड़िता का आरोप यह भी है कि जिस हैवानियत की वजह से उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और वो महीनों तक हिलने-डुलने से भी लाचार है, उसे मजह छेड़छाड़ का मामला बताया जा रहा था। पीड़िता अस्पताल में है, मां उसकी देखभाल करती है। सरकार की ओऱ से पीड़ित परिवार को 80 हजार की आर्थिक मदद देने की बात भी कही गई है।