स्मार्ट सिटी घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई, सरकार ने स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी के CEO आदित्य सिंह को हटाया

IAS आदित्य सिंह को प्राथमिक तौर पर दोषी पाए जाने पर लिया गया एक्शन, EOW को मिले थे ज़मीन नीलामी में गड़बड़ी के सबूत, करीबियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार को 35 करोड़ से ज्यादा का नुकसान करवाने का आरोप

Updated: Aug 14, 2021, 10:15 AM IST

Photo Courtesy: smartnet
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भोपाल। स्मार्ट सिटी में जमीन बिक्री घोटाला मामले में कंपनी के सीईओ आदित्य सिंह पर गाज गिरी है। सरकार ने उन्हें स्मार्ट सिटी के CEO के पद से हटा दिया है। CEO पर भोपाल में करोड़ों की जमीन के फर्डीवाड़े का आरोप है, इस मामले की जांच EOW द्वारा की जा रही है। आदित्य सिंह को प्राथमिक तौर पर दोषी मानते हुए कार्रवाई की गई है। IAS आदित्य सिंह को मंत्रालय अटैच कर दिया गया है। और नगर निगम कमिश्वर केवीएस चौधरी उनका चार्ज फिलहाल सम्हाल रहे हैं।

 दरअसल भोपाल के टीटी नगर में बन रही स्मार्ट सिटी की करीब 100 एकड़ जमीन की नीलामी प्रक्रिया होनी है। इस जमीन की कुल कीमत करीब 1500 करोड़ है। कुछ जमीनों की नीलामी के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं। शुरुआती दौर में 3 प्लाटों की बिक्री के बाद शर्तों को बदले जाने की शिकायत मिली थी।

आदित्य सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार को नुकसान पहुंचाया है। इन पर जमीन नीलामी के टेंडर की शर्तें बदलने का आरोप है। साथ ही आरोप है कि दोनों टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाली फर्में एक ही हैं।

दरअसल स्मार्ट सिटी कंपनी ने साल 2020-21 में टीटी नगर इलाके में तीन प्लाट्स के लिए निविदा आमंत्रित की थी। इनका बेस प्राइज 73.96 करोड़, 63.80 करोड़ रुपए और 70.75 करोड़ रुपए था। निविदा आते ही उन्हें स्वीकृत कर लिया गया। जबकि नीलामी में ज्यादा कीमत के लिए कोशिश की जाती है। ताकि ज्यादा से ज्यादा सरकार को फायदा हो, दोबारा निविदा मंगाने की जगह एक ही फर्म को की निविदा स्वीकृत कर ली गई।

स्मार्ट सिटी CEO पर आरोप है कि निविदा में फर्मों के कॉम्पटीशन नहीं बढ़ाने की वजह से सरकार को राजस्व का नुकसान जानबूझकर किया गया है। इसके बारे में मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि शुरुआती तौर पर लगभग 35 करोड़ रुपए की राजस्व हानि सरकार को हुई है।

दरअसल जमीन की नीलामी के बाद करोड़ों की राशि स्मार्ट सिटी के 23 प्रोजेक्ट में लगाई जाएगी। लेकिन उससे पहले ही जमीन नीलामी में गड़बड़ी उजागर हो गई। मामले की शिकायत EOW में उन बिल्डर फर्म द्वारा की गई थी जिन्हें नियम और शर्तें पूरा करने के बाद भी प्लॉट नहीं मिला है।

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अगस्त महीने के शुरुआती दिनों में ही आवंटन और नीलामी प्रक्रिया जानने के लिए आदित्य सिंह को नोटिस जारी कर 10 दिनों में जबाव मांगा गया था। EOW ने CEO आदित्य सिंह से जमीन आवंटन की सभी प्रक्रिया की जानकारी मांगी थी। संतोष जनक उत्तर नहीं मिलने के बाद अब उन पर एक्शन लिया गया है।

IAS आदित्य सिंह 2014 बैच के ऑफिसर हैं। वे करीब डेढ़ साल से स्मार्ट सिटी के CEO की जिम्मेदारी सम्हाल रहे थे। इस जमीन घोटाले मामले में EOW जिम्मेदारों से पूछताछ में जुटी है। लोगों के बयान लिए जा रहे हैं।