Bhupesh Baghel: आम कार्यकर्ता से हारकर बिगड़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया का मानसिक संतुलन, ग्वालियर में बोले भूपेश बघेल
Jyotiraditya Scindia Targeted: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, शिवराज चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सत्ता के लालच में पड़कर कोरोना काल में मध्य प्रदेश पर थोपा चुनाव, केंद्रीय कृषि कानूनों पर भी निशाना साधा

ग्वालियर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर उनके गढ़ ग्वालियर में जाकर तीखा हमला किया। भूपेश बघेल ने ग्वालियर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में महाराज को एक सामान्य कार्यकर्ता ने धूल चटा दी थी। इसी वजह से सिंधिया ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया। भूपेश बघेल को जनसभा करने की इजाजत नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अपनी बात रखी। बघेल ने उन्हें चुनाव प्रचार के लिए सभाएं करने की इजाजत न दिए जाने को लेकर पर भी बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अलोकतांत्रिक तरीके से बनी भाजपा की सरकार उपचुनाव में हार और सत्ता जाने के डर से घबराई हुई है, इसीलिए स्टार प्रचारक होने के बावजूद मेरी सभाएं नहीं होने दी गईं।
मध्यप्रदेश में अलोकतांत्रिक तरीके से बनी भाजपा की सरकार उपचुनाव में हार और सत्ता जाने के डर से घबराई हुई है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 23, 2020
स्टार प्रचारक होने के बावजूद आज मेरी सभाएं नहीं होने दी गईं।
मैंने ग्वालियर में पत्रकार वार्ता के जरिये अपनी बात रखी, इसका अंश साझा कर रहा हूँ। pic.twitter.com/fPT92DZcPF
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मध्य प्रदेश पर थोपे हुए उपचुनाव के कारण उन्हें यहां आना पड़ा। कोरोना महामारी बीच राज्य की जनता पर थोपे गए इस उपचुनाव के लिए लोग दो लोग जिम्मेदार हैं, शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया। ये लोग सत्ता में आने के लिए छटपटा रहे थे, इसीलिए जनता के वोट से चुनी हुई सरकार को खरीद-फरोख्त करके गिरा दिया। जिसके चलते जनहित के काम कर रही कमलनाथ सरकार को काम करने के लिए एक साल से ज्यादा वक्त नहीं मिला। बघेल ने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग नहीं चाहते कि कांग्रेस के लोग प्रचार करें। ग्वालियर चम्बल में प्रचार को रोका जा रहा है।
बघेल ने नए कृषि कानूनों के मसले पर भी बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन ने इस कानून की मांग नहीं की थी, फिर भी कोरोना काल में इसे लागू कर दिया गया। मोदी सरकार के तीनों कानून बड़े पूंजीपतियों के लाभ के लिए हैं, जिससे आम जनता को नुकसान होने वाला है। उन्होंने मोदी सरकार के बनाए नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया। भूपेश बघेल ने कहा कि 1955 में नेहरू जी ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम बनाया था। वह शांता कुमार की रिपोर्ट में था। लेकिन बीजेपी मंडी सिस्टम, PDS, MSP को ख़त्म करना चाहती है। आने वाले समय में बड़े-बड़े पूंजीपति गोदाम बनाएंगे, स्टॉक जमा करेंगे।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र के कृषि कानूनों को बेअसर करने के लिए अपना कानून बनाएगी। किसानों को किसी तरह से परेशान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने कृषि कानूनों के खिलाफ विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल के पास पत्र भेजा था, जिसे राज्यपाल ने लौटा दिया। लेकिन हमारी सरकार के पास तीन चौथाई बहुमत है, इसलिए 27-28 अक्टूबर को सत्र बुलाया जा रहा है।