PESA कानून को लेकर बीजेपी कांग्रेस में तकरार, दिग्विजय सिंह ने कहा हमने शुरू की थी PESA कानून बनाने की प्रक्रिया

भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने दिग्विजय सिंह की तत्कालीन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 1993-2003 के बीच आदिवासियों की जमीनों की सबसे ज्यादा अवैध बिक्री हुई है

Updated: Apr 11, 2023, 05:09 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले वार-पलटवार का दौर जारी है। इसी बीच दोनों प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस PESA कानून को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। बीजेपी सांसद डॉ सुमेर सिंह सोलंकी ने जहां पेसा एक्ट का क्रेडिट सीएम शिवराज को दिया है। वहीं, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने उन्हें हकीकत बताते हुए कहा कि सन 1998 में जब वह मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने पेसा कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी।

दरअसल, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने ट्वीट कर दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में आदिवासियों की जमीन की अवैध बिक्री होने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा कि, "आदिवासी ज़मीन बिक्री की 170 B की सबसे अधिक अवैध अनुमति 1993-2003 में मिली। मामा श्री शिवराजसिंह जी के पेसा नियम से सारी अवैध अनुमति भूमि वापस आदिवासियों को मिलेगी.... राघोगढ़ की आदिवासी भूमि भी भील राजा को होगी वापस।"

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इसपर पलटवार करते हुए भाजपा नेताओं पर आदिवासियों की जमीन कब्जाने का आरोप लगाया। सिंह ने ट्वीट किया, "सरासर झूट बोल रहे हैं सुमेर सोलंकी जी आप। आप के पास कोई प्रमाण है क्या? अगले 15 दिन में प्रमाण दीजिये नहीं तो माफ़ी मांगिए। मध्य प्रदेश पहला राज्य था जिसने PESA क़ानून लागू करने के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया 1998 में शुरू कर ग्राम स्वराज अधिनियम लागू कर दिया था।"

सिंह ने सुमेर सिंह सोलंकी को चुनौती देते हुए कहा कि, "आप में साहस है तो मेरे साथ पन्ना चल कर देखिए। भाजपा के नेताओं ने किस प्रकार आदिवासियों की भूमि पर धोखा दे कर अपने नाम से रजिस्ट्री करवा ली व क़ब्ज़ा कर लिया। जिस भाजपा के नेता ने क़ब्ज़ा किया है वह आपके मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बीडी शर्मा के ख़ास हैं।" 

सिंह के इस टिपण्णी पर डॉ सोलंकी ने फिर से हमला किया है। उन्होंने कहा कि, "माननीय दिग्विजय सिंह जी... मैंने किसी का नाम नही लिखा है। आपके  विचलित होने की बात को मैं क्या समझूँ? मैंने किसी का नाम नही लिया है...! सिर्फ मेरे आदिवासी समाज के साथ जो हुआ है, उनके हित की आवाज उठाई है। जो गलत हुआ है उसकी बात कह रहा हूँ। मैं समाज का बेटा हूँ।"